दिल्ली : देश के सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को पत्नी को पीटने वाले एक शख्स की अग्रिम याचिका को खारिज कर दिया है । अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ससुराल में पत्नी पर किसी भी तरह की चोट या अत्याचार होने पर पति ही जिम्मेदार होगा । प्रधान न्यायधीश एसए बोबडे ने कहा कि ससुराल में घरेलु हिंसा में महिला पर भले ही
पत्नी से मारपीट के आरोपी शख्स की यह तीसरी शादी है और महिला की दूसरी शादी है । पीड़ित महिला ने जून में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ लुधियाना पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी । महिला का आरोप था कि दहेज की मांग पूरी न करने के कारण उसके पति, सास और ससुर ने बेरहमी से पीटा था ।
आरोपी के वकील कुशाग्र महाजन ने अपने मुवक्किल को अग्रीम जमानत दिये जाने का अनुरोध किया । सुप्रीम कोर्ट ने पूछा “आप किस तरह के आदमी है”? महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति गला दबाकर उसकी हत्या करने वाला था । महिला ने आरोप लगाया की उसे गर्भपात के लिये मजबूर किया गया । अदालत के इस सवाल पर आरोपी के वकील ने कहा, महिला ने खुद बताया कि उसके ससुर उसे बैट से पीटा करते थे । इस पर सीजेआई की अध्क्षता वाली पीठ ने कहा की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पिता या आप उसे बैट से पीटते थे । यदि ससुराल में महिला पर किसी भी प्रकार का अत्याचार होता है तो प्राथमिक जिम्मेदारी उसके पति की होगी । इसके बाद कोर्ट ने शख्स की याचिका खारिज कर दी