UP: सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों की नहीं होंगी परीक्षाएं, इस आधार पर होगा मूल्यांकन. छात्रों का मूल्यांकन पूरे शैक्षणिक सत्र में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा. 10 फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की और 1 मार्च से पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित स्कूलों (Uttar Pradesh School) में लगातार दूसरे साल भी कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कोई परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी. कोरोना महामारी के बजह से राज्य सरकार ने कक्षा 8वीं तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षाओं में दाखिला देने का निर्णय लिया है. इसके लिए उनका मूल्यांकन पूरे शैक्षणिक सत्र में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले साल 2020 में भी 8वीं तक के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही अगली कक्षाओं में प्रवेश दे दिया गया था.

इस बार लगभग पूरे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित रही और फिर पिछले साल जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई थीं. लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम नहीं थे. 10 फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की और 1 मार्च से पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं.
शिक्षा विभाग की मुख्य सचिव ने दी जानकारी
इस मामले में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा, “हम कक्षा 8वीं तक के बच्चों के लिए 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम चला रहे हैं. इसके आधार पर ही छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा.

दिल्ली सरकार पहले ले चुकी है यह फैसला
हाल ही में दिल्ली सरकार ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों का परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया था. दिल्ली सरकार के अनुसार, आकलन के लिए बुधवार को सभी सरकारी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी कर सामान्य परीक्षाएं लेने से मना कर दिया और उनके ‘‘प्रोजेक्ट’’ और ‘‘असाइनमेंट’’ के आधार पर परिणाम घोषित करने को कहा है