उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है । चुनाव में सीटों पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाया है । अपने फैसले पर हाईकोर्ट ने कहा कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए ।
इसके पहले राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दी थी । जिसमें राज्य सरकार ने कहा था कि सरकार साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है । इसी के बाद कोर्ट ने चुनाव कराने का आदेश दिया है । कोर्ट ने सरकार को 25 मई तो चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराने को कहा है ।
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर 11 फऱवरी 2021 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गयी थी । जिसमें पुराने शासनादेश को चैलेंज किया गया था । याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने संबंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, पंचायत और ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है। आरक्षण लागू किए जाने के संबंध में 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 और 2010 के चुनाव संपन्न कराए गये थे ।
याचिका में कहा गया था कि 16 सितंबर 2015 शासनादेश जारी करते हुए 1995 के बजाय 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण लागू किए जाने को कहा गया । जबकि उसी शासनादेश में ही कहा गया था कि 2001 और 2011 के जनगणना के अनुसार अब बड़े पैमाने पर डेमोग्राफिक बदलाव हो चुका है । लिहाजा 1995 को मूल साल मानकर आरक्षण लागू किया जाना उचित नहीं होगा