पंचायत चुनाव में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस विकासखंड में अलग-अलग ग्राम पंचायतों को उनके प्रादेशिक क्षेत्र की कुल जनसंख्या में क्रमश: अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के अनुपात के अवरोही क्रम में आवंटित की जाएगी.
संबंधित विकास खंड में ग्राम पंचायतों में से वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक हो, वह एसटी को आवंटित की जाएगी। वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक होगा वह एससी को आवंटित की जाएगी।
वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक होगा वह ओबीसी वर्ग को आवंटित की जाएगी। लेकिन इस प्रकार जहां तक हो सके पंचायत के सामान्य निर्वाचन वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित ग्राम पंचायत वापस एसटी वर्ग को ही आवंटित नहीं की जाएगी। अनुसूचित जाति को आवंटित ग्राम पंचायत इस बार एससी को ही आवंटित नहीं की जाएगी। पिछड़े वर्ग को आवंटित ग्राम पंचायत इस बार पिछड़े वर्ग को आवंटित नहीं की जाएगी।

यह रहेगा आरक्षण का क्रम
- अनुसूचित जनजाति की महिलाएं
- अनुसूचित जनजाति
- अनुसूचित जाति की महिलाएं
- अनुसूचित जाति
- पिछड़े वर्ग की महिलाएं
- पिछड़े वर्ग
- महिलाएं
ऐसे होगा प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का आवंटन
सबसे पहले ग्राम पंचायत क्षेत्र के विभिन्न प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) को अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्र्गों की जनसंख्या या परिवारों की संख्या और प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) की कुल जनसंख्या में से आरक्षित श्रेणी की जनसंख्या को घटाकर सामान्य आबादी की जनसंख्या के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाएगा।
यदि एक से अधिक वार्ड में आरक्षित वर्ग या सामान्य आबादी की जनसंख्या समान होगी तो कम संख्या वाले वार्ड अवरोही क्रम में पहले रखा जाएगा। अधिक संख्या वाले वार्ड को अवरोही क्रम में बाद में रखा जाएगा। इसी प्रकार यदि वार्डों में किसी आरक्षित वर्ग या सामान्य आबादी की संख्या शून्य होगा कम क्रमांक वाले वार्ड को अवरोही क्रम में पहले और अधिक क्रमांक वाले वार्ड को बाद में रखा जाएगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 2015 को आधार मानते हुए नए सिरे से चक्रानुसार आरक्षण प्रक्रिया बुधवार को तय कर दी है. साथ ही सूबे के जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई है. अब नए बदलाव के चलते एक महीने में यूपी के 16 जिला पंचायतों में अध्यक्ष पदके लिए आरक्षण बदल गया है