सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों का गिरोह इस कदर जिलों में पैर पसार चुका है कि पूरा का पूरा अस्पताल फर्जी पाया जा रहा है. सुल्तानपुर में ऐसे ही एक मामले सामने आया जहां आठवीं पास कथित डॉक्टर ने महिला की डिलीवरी कर डाली, ऑपरेशन के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई.इलाज के दौरान ही जब केस बिगड़ा तो उन्हें बिना रेफर किए ही इलाज के लिए लखनऊ भेज दिया. रास्ते में ही जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. यूपी के सुल्तानपुर से ये हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.

दरअसल, जिस डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन किया था उसके पास कोई डिग्री नहीं है. वो सिर्फ 8वीं पास है. वहीं, उसका सहयोगी सिर्फ 5वीं पास ही निकला. ये मामला बल्दीराय इलाके के मां शारदा अस्पताल का है. जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक भी 12वीं पास ही है. पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.


सुल्तानपुर मे अस्पताल की 8वीं पास डॉक्टर ने गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया था. ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. पुलिस ने फर्जी डॉक्टर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है..

बिना रेफर कागज बनाए लखनऊ किया रेफर
बता दें कि मल्लान का पुरवा गांव की पूनम गर्भवती थी. मंगलवार की रात परिजन उसे इलाज के लिये अरवल स्थित मां शारदा अस्पताल और जच्चा-बच्चा केंद्र ले गए. फर्जी डॉक्टर ने पूनम का ऑपरेशन कर दिया. इस दौरान रक्तस्राव के चलते दोनों की तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टर ने बिना रेफर कागज बनाए ही इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया. रास्ते में दोनों की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजन जच्चा-बच्चा का शव लेकर बल्दीराय थाने पहुंचे और अस्पताल संचालक, डॉक्टर और सहयोगियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी.
तीनों आरोपी गिरफ्तार.
पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जब पड़ताल की तब ये खुलासा हुआ. 8वीं पास डॉक्टर का नाम राजेंद्र प्रसाद शुक्ला है. संचालक राजेश साहनी खीरी जिले का और राजेन्द्र और उसका सहयोगी अयोध्या के रहने वाले हैं. फिलहाल पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिये पत्र लिखा है.