रामनगरी में भव्य दीपावली के बाद इस बार राममंदिर की होली सभी के लिए आकर्षण का केंद्र होगी. 492 साल बाद रामलला की होली मंदिर में होने जा रही है. इसलिए रामलला के दरबार में भव्यता पूर्वक होली मनाने की तैयारी है, ट्रस्ट ने इसकी प्लानिंग भी शुरू कर दी है. होली का स्वरूप क्या होना चाहिए इस पर पुजारियों से चर्चा की जा रही है.
इसके साथ ही रामनगरी में उत्सव एवं परंपराओं की रौनक भी लौटी है. इसका नजारा इस बार होली पर दिखने जा रहा है. मंदिर में रामलला की पहली होली को लेकर संत-धर्माचार्यों एवं भक्तों में खासा उल्लास है. दूसरी तरफ रामनगरी के मंदिरों में भी इस बार राममंदिर वाली होली का आयोजन किए जाने की तैयारी है.संत-धर्माचार्यों का कहना है कि होली पर राममंदिर निर्माण की खुशी पूरे उत्साह के साथ बयां की जाएगी.

इसकी तैयारी की जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि मन यह सोचकर ही प्रसन्न है कि हमारे आराध्य जो तीन दशक तक टेंट में रहे, पर्वों, त्योहारों की भव्यता से दूर रहे अब वह अस्थायी ही सहीं पर मंदिर में विराजमान हैं.

Ayodhya Diwali Deep Utsav 2020, Deepotsav in Ayodhya 2020 Yogi Adityanath  Government Planned for grand Show in Ayodhya on eve of Deepawali this year  with minimum public participation due to COVID 19

रामनगरी में आराध्य के साथ होली खेलने की परंपरा
रामनगरी में होली का आध्यात्मिक रंग बिखरता है.संतों की होली में आम होली की तरह रंग-गुलाल तो होता है पर उसके केंद्र में आराध्य होते हैं. रामनगरी में प्रात: आराध्य को गुलाल अर्पित करने के साथ होली की शुरुआत होती है. मध्याह्न आराध्य को भांति-भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. दोपहर में शयन के बाद भगवान को जगाने पर उन्हें नई पोशाक धारण कराई जाती है और उन्हें करीने से गुलाल लगाया जाता है.

तदुपरांत आराध्य के सम्मुख होली गीतों की महफिल सजती है. नगरी के हजारों मंदिरों में इस परंपरा का यथाशक्ति पालन होता है पर कनक भवन, मणिरामदासजी की छावनी, दशरथ महल बड़ा स्थान, रामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, जानकी महल, बिड़ला मंदिर, तिवारी .मंदिर, नाका हनुमानगढ़ी में इस परंपरा का पूरे भाव से पालन होता है।