लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में आरोपी रूप सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है। रूप सिंह यादव सिंचाई विभाग लखनऊ खंड शारदा नहर के तत्कालीन अधिशासी अभियंता थे और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं के करीबी माने जाते थे। रिवर फ्रंट के कामों में भारी अनियमितताएं सामने आने के बाद विजिलेंस जांच में उनका नाम आया था। विजिलेंस की तरफ से गोमतीनगर थाना में रूप सिंह यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच CBI कर रही है। शासन से अनुमति मिलने के बाद रूप सिंह यादव के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलेगा।

95 फ़ीसदी बजट खर्च कर 60 फीसदी काम हुआ
लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फ़ीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया। 2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था। जांच में सामने आया कि डिफाल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था. मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग से जांच की जिनकी रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं।
ये हैं आरोप
गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर दागी कम्पनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार काम नहीं कराने का आरोप है।