नोएडा: चर्चित मोहम्मद अखलाक हत्या मामले में गुरुवार को फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई शुरू हो गई. पांच साल बाद इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक में शुरू हुई है. आपको बता दें कि, घर में बीफ रखने पर मोहम्मद अखलाक की कथित तौर पर मॉब लिंचिंग की गई थी. ये घटना दादरी के बिसाड़ा गांव में हुई थी. वहीं, इस घटना में अखलाक का बेटा अपने पिता को बचाने के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था.

इस वर्ष 25 फरवरी को तय किये गये थे आरोप
हालांकि पहले दिन सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार कोर्ट में मौजूद नहीं था. इस वर्ष 25 फरवरी को आरोपी के खिलाफ चार्ज फ्रेम किये गये थे. ये घटना साल 28 सितंबर, 2015 की है. इससे पहले अपर जिला जज डॉक्टर अनिल कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान संदिग्ध पर आरोप तय किये गये थे. वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने अपनी दलील रखी जिसे जज ने खारिज कर दिया था. पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि, इस दौरान गवाहों और पीड़ित के परिजनों को कोर्ट में लाया जाएगा.

14 अप्रैल को अगली सुनवाई
वकील यूसुफ सैफी ने जानकारी देते हुये कहा कि, उनके मुवक्किल को कोई समन नहीं मिला. लेकिन जब उन्हें समन मिल जाएगा तब वे 14 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट आ सकते हैं. इस मामले में मृतक अखलाक की बेटी शाइस्ता, पुत्र दानिश और उनकी पत्नी इकरमन मुख्य चश्मदीद गवाह हैं.
18 आरोपी बनाये गये थे
दूसरी तरफ इस मामले में 18 आरोपी बनाये गये थे. जिनमें सो दो की मौत हो चुकी है. वहीं, तीन आरोपी घटना के वक्त नाबालिग थे. कोर्ट ने 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये हैं. हत्याकांड के दौरान तीन नाबालिग थे, उनकी सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में होगी. आपको बता दें कि, सरकार ने अखलाक के बड़े बेटे सरताज और भाई को सुरक्ष दे रखी है.