यूपी में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सभी 75 जिलों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. इस संहिता का पालन चुनाव के परिणाम आने तक राज्ये में रहने वाले हर शख्सत को करना होगा. इसके उल्लंंघन पर कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है.
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये तारीखों का एलान कर दिया गया है. इसके तहत चार चरणों मे ये चुनाव संपन्न कराया जाएगा. पहला चरण 15 अप्रैल, दूसरा चरण 19 अप्रैल, तीसरा 26 अप्रैल व चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा. वहीं, 2 मई को वोटों की गिनती होगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी विस्तार से जानकारी दी.

क्या है आदर्श आचार संहिता ?
सामान्तरया, स्वातंत्र और निष्पनक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए गए नियमों को उस चुनाव की आदर्श आचार संहिता कहते हैं. इसके लागू होते ही शासन और प्रशासन के कामकाज के तरीके में कई अह्म बदलाव हो जाते हैं. चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कर्मचारी चाहे राज्यी के हों या केंद्र के वे आयोग के कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं. संहिता लागू होने के बाद सरकारी धन का इस्तेरमाल किसी ऐेसे काम में नहीं किया जा सकता जिससे किसी दल विशेष को फायदा पहुंचता हो.
इस दौरान सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्या स और भूमिपूजन जैसे कार्यक्रम भी नहीं किए जा सकते हैं. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी हवाई जहाज या सरकारी बंग्ले् का इस्तेैमाल नहीं किया जा सकता है. किसी भी पार्टी, प्रत्यााशी या समर्थकों को रैली-जुलूस निकालने के लिए या सभा करने के लिए पुलिस थाने से इजाजत लेना जरूरी होता है. कोई भी जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है. राजनीतिक कार्यक्रमों पर चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों की नज़र रहती है.
संहिता के उल्लंघन पर ये है प्रावधान
आदर्श आचार संहिता के उल्लंरघन पर चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है. यहां तक कि सम्बतन्धित उम्मीरदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है. उल्लंघन के मामले में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है. जरूरत पड़ने पर सम्बन्धित को जेल भी भेजा जा सकता है. भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.