चार दिन के गोरखपुर दौरे पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चिड़ियाघर दुकानों, फूड प्लाजा और कैफेटेरिया का उद्घाटन कार्यक्रम तय है। उनके इस दौरे में सबसे खास है गोरखपुर की प्रसिद्ध नरसिंह शोभायात्रा। गोरखपुर में होली के दिन होलिकोत्सेव शोभायात्रा से गोरक्षपीठ का विशेष नाता है। 24 साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यरनाथ गोरक्षपीठ की तरफ से राष्ट्रीय स्व्यंसेवक संघ (RSS) की अगुवाई में होली के दिन निकलने वाली भगवान नर सिंह की शोभायात्रा में बतौर अतिथि शामिल होते हैं। इसके एक दिन पहले शाम को श्रीश्री होलिका दहन उत्सिव समिति की ओर से निकलने वाली भक्त प्रह्लाद की शोभायात्रा को भी मुख्यरमंत्री योगी आदित्य्नाथ झंडी देकर रवाना करते हैं। इसके पहले उनका हिंदू युवा वाहिन की तरफ से सम्मान और उद्बोधन भी होता है।
78 सालों से निकाली जा रही शोभायात्रा
होली के दिन 29 मार्च को राष्ट्री य स्व यंसेवक संघ की ओर से 78 बरसों से साल 1944 से भगवान नरसिंह की शोभायात्रा निकली जा रही है। सुबह 9 बजे शाखा के बाद शोभायात्रा का शुभारम्भस होता है। 24 सालों से मुख्यमंत्री योगी आदित्य्नाथ बतौर मुख्य अतिथि इस शोभायात्रा में शामिल हो रहे हैं। वे रथ पर सवार होकर रंग, अबीर और गुलाल से खेलते हुए शोभायात्रा के आगे चलते हैं। हजारों की संख्या में लोग इस शोभायात्रा में शामिल होते हैं। हालांकि कोविड-19 की वजह से पिछले साल 2020 में वे इस शोभायात्रा में शामिल नहीं हो सके. होलिकोत्साव समिति के अध्यलक्ष अरुण प्रकाश मल्ले ने बताया कि ये शोभयात्रा सुबह 9 बजे घंटाघर से निकलेगी और वापस घंटाघर पर आकर संपन्न होगी.
नानाजी देशमुख ने की थी शोभायात्रा की शुरुआत
गोरखपुर में भगवान नरसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी। गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी. नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था. इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ भी इसमें शामिल होते और उनके बाद महंत अवेद्यनाथ की होली का यह अभिन्न अंग बना