लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं. इसी बीच बीजेपी ने अपने पदाधिकारियों के लिए एक नई गाइडलाइन तैयार की है. अगर पार्टी के जिलाध्यक्ष या महामंत्री को चुनाव लड़ना है तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा देना होगा. जिला पंचायत सदस्य पदों पर फोकस करते हुए अपनी रणनीति बना रही बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के चयन के लिए नई गाइडलाइन तय कर दी है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने बताया कि पार्टी की प्राथमिकता है कि पंचायत चुनाव में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को ही प्रत्याशी बनाया जाए. जिलाध्यक्ष और महामंत्री को चुनाव लड़ने से पहले त्याग पत्र देना होगा. बीजेपी ने यह शुरूआत में ही तय कर दिया था कि इस पंचायत चुनाव में कार्यकर्ता ही उसकी प्राथमिकता रहेंगे. बीते दिनों हुई बीजेपी कार्यकारिणी में भी तय किया गया था कि पदाधिकारी क्षेत्रीय व जिला के प्रमुख पदाधिकारियों को टिकट न देकर कार्यकार्ताओं को ही मैदान में उतारा जाए.
इन पर भी लागू होगी शर्त
स्वतंत्रदेव ने कहा कि पंचायत चुनाव की तैयारियों के लिए नियुक्त किए संयोजक व सहसंयोजकों पर भी यह शर्त लागू होगी. विधायकों व सांसदों से भी कहा गया है कि अपने स्वजन को चुनाव लड़वाने के बजाए आम कार्यकर्ताओं को मौका दें. इससे स्थानीय स्तर पर सक्षम कार्यकर्ताओं की टीम तैयार होगी और संगठन को ताकत भी मिलेगी.
संगठन मंत्री ने कहा था कि पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता केवल एक ही पद पर रहेगा. उन्होंने कहा कि संगठन का कोई भी पदाधिकारी किसी भी प्रकार का कोई टिकट नहीं मांगेगा न ही रिश्तेदार के लिए पैरवी करेगा. इससे पार्टी अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सकेगी.