कोरोना के बाद चर्चित रहा लॉकडाउन, मानों मैच के दौरान पूरे देश में लग चुका था। गली मोहल्लों, सड़कें सब थम सी गई थी. इस सन्नाटे की वजह थी, भारत बनाम श्रीलंका वर्ल्डकप फाइनल मैच, जो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा था. भारत को इस ऐतिहासिक मैच जीतने के लिए एक लक्ष्य मिला था, लेकिन भारतवासियों की आंखों में आंसू उस समय आ गए जब सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग सस्ते में पवेलियन लौट आए.
हर एक गेंद के साथ दिल की धड़कनें और तेज गति से दौड़ रही थी, इस माहौल को शांत किया गौतम गंभीर ने. और अंत में कप्तान धोनी ने धुआंधार पारी खेलकर भारत को विश्व विजेता बनाया. अब भी देशवासियों की आंखों में आंसू थे, लेकिन अबकी ये जीत वाले आंसू थे. मैदान पर मौजूद भारतीय खिलाड़ी भी अपने आंसुओं को रोक ना सके.
पूरे देश में मनाई गई थी दिवाली !
खिलाड़ी बताते हैं, मुम्बई में भारी भीड़ थी, लेकिन ऐसा ही नजारा ऐसी ही भीड़ पूरे देश में भी थी. दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, यूपी, केरल, बंगाल समेत पूरा देश जाम हो गया था. सन्नाटे भरी सड़कें, मैच के बाद खचाखच भर चुकी थी.

हर फैन बता रहा था कि मैच देखने का उसका अनुभव कैसा रहा. रात भर बम फटाकों के साथ दीवाली जैसा पर्व मनाया गया. मुंबई में जाम की ऐसी स्थिति बन गई थी, 10 मिनट का रास्ता कार से घंटों में पूरा हो रहा था. आज भी वो यादें हमारे दिल में हैं, जो कभी नहीं जाएगी. आपको बता दें कि आज ही के दिन, 10 साल पहले (2 अप्रैल 2011) भारत ने अपना दूसरा क्रिकेट वर्ल्डकप खिताब जीता था.