पूर्वांचल के कुख्यात बदमाश मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाया जाएगा. यूपी पुलिस के अधिकारी रोड़ मार्ग से ही मुख्तार अंसारी को यूपी लेकर पहुंचेंगे, और प्रदेश के बांदा जेल में रखा जाएगा. मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से बांदा जेल लाने की जिम्मेदारी एडीजी प्रयागराज जोन प्रेम प्रकाश को सौंपी गई है.
खबर के मुताबिक मंगलवार शाम तक यूपी पुलिस को मुख्तार अंसार की कस्टडी मिल सकती है. IPS Prem Prakash को ये बड़ी जिम्मेदारी उनके ट्रैक रिकॉर्ड और उनकी साफ छवि, ईमानदारी को देखते हुए दी गई है. चलिए जानते हैं कि पुलिस अफसरों के बीच प्रेम प्रकाश का रुतबा कैसा है, और वह अपनी किन बातों के लिए जाने जाते हैं.
डिपार्टमेंट में अलग पहचान रखते हैं आईपीएस प्रेम प्रकाश
एडीजी प्रयागराज जोन प्रेम प्रकाश की डिपार्टमेंट में अलग ही पहचान है, ना सिर्फ गुंडे बदमाश बल्कि लापरवाह पुलिस वाले भी उनके कड़े तेवर से भय रखते हैं. प्रेम प्रकाश दिल्ली के रहने वाले हैं, और 1993 बैच के आईपीएस अफसर है. उन्होंने पुलिस मैनेजमेंट में एमडी का कोर्स और उससे पहले उन्होंने बीटेक भी किया.

प्रेम प्रकाश मुरादाबाद, लखनऊ, एनसीआर समेत कई जिलों में कप्तान रह चुके हैं. वह विभाग में अपने सख्त रवैये के कारण जाने जाते हैं, वह बिना किसी दबाव के लिए गए अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं. उनको मुख्तार अंसारी को लाने की जिम्मेदारी मिलने के पीछे बड़ा कारण उनकी साफ सुथरी छवि है.
अपराधियों में रहता है आईपीएस अफसर का खौफ
जब आईपीएस अफसर प्रेम प्रकाश कानपुर में एडीजी थे, तब उन्होंने बदमाशों के खिलाफ कई अभियान शुरू किए. एक रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान 67 अपराधियों को जेल भेजा गया. कहा जाता है कि बदमाशों में उनका खौफ इतना था कि कुछ अपराधियों ने सरेंडर कर दिया और कुछ तो जिला छोड़कर ही भाग निकले.
जिलों में शुरू किए मॉडर्न हेल्पलाइन सेंटर
प्रयागराज एडीजी प्रेम प्रकाश ने 8 जिलों का मॉडर्न हेल्पलाइन सेंटर शुरू कराया, इसमें लोग अपनी समस्याओं को दे सकते हैं. इसके माध्यम से पुलिस को गोपनीय जानकारी भी दी जा सकती है. हेल्पलाइन नंबर पर व्हाट्सएप, ट्विटर या ईमेल के माध्यम से सूचना दी जा सकती है.
आईपीएस अफसर ने पुलिसकर्मियों की परेड शुरू कराई
खबर के मुताबिक लखनऊ में एसएसपी का चार्ज संभालने के बाद उन्होंने कई सराहनीय काम शुरू किए, उन्होंने थानों में घंटे लगवाए और हर घंटे इन्हे बजाने का आदेश दिया. इससे सुस्त पुलिसकर्मी भी सतर्क रखते थे. उन्होंने पुलिसकर्मियों की परेड भी शुरू की, इसमें लापरवाह पुलिसकर्मी उनके निशाने पर रहा करते थे.