Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली (Raebareli) में योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ी कार्रवाई की है. यहां गरीबों के आवास निर्माण में कमीशनखोरी और घपला करने वाले ठेकेदार समेत तीन इंजीनियरों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. यह सभी लोग 15 साल पहले गरीबों के लिए बनाए गए मकान के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे. कॉलोनी बनाये जाने के तीन साल के भीतर ही मकान जर्जर हो गए थे. फिलहाल मामले में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या है मामला?
दरअसल, 2007 में इंटी ग्रेटिड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) योजना के तहत गरीबों के लिए सौ फ्लैट बनाए गए थे. 2010 में इस कॉलोनी को नगर पालिका को सौंपा गया था. नगर पालिका को दिए जाने के समय ही भवन जर्जर हो गए थे. उधर यहां रहने वाले लोगों ने भी प्रशासन से शिकायत की, तो इसकी जांच हुई. जांच में कॉलोनी बनाने में हुई जमकर कमीशनखोरी का मामला सामने आया. पता चला कि इस्तेमाल की गई सामग्री की लैब में भी जांच हुई. जिसमें सामने आया कि नाम मात्र की सीमेंट का इस्तेमाल कर 100 फ्लैट बना दिये गए. यह भी सामने आया कि सरिया घटिया क्वालिटी की इस्तेमाल की गयी थी. नींव मानक से कम रखी गई.
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदम
इस मामले में ठेकेदार समेत डूडा के अवर अभियंता अन्वेषण अरुण कुमार, आरइएस के सहायक अभियंता डीपी मिश्रा और समाज कल्याण निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता ए एन सिद्दीकी के खिलाफ मिल एरिया थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद यहां रहने वालों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की है.
सीओ सदर वंदना सिंह ने कि आईएचएसडीपी योजना के तहत गरीबों के लिए आवास बनवाए गए थे. जांच में अनियमितता पाई गयी. मानक के अनुरूप आवास नहीं थे. इस संदर्भ में थाना मिलेरिया में मुकदमा दर्ज किया गया है. विवेचना की जा रही है.