अयोध्या। राम नगरी में मठ मंदिर पर आधिपत्य को लेकर विवाद उठता नजर आ रहा है। राम घाट स्थित तपस्वी जी की छावनी के आधिपत्य को लेकर 2 अखाड़ों के संत महंत आमने सामने हुए हैं। तपस्वी जी की छावनी के पीठाधीश्वर महंत सर्वेश्वर दास के साकेत वास हो जाने के बाद से तपस्वी जी की छावनी के उत्तराधिकारी को लेकर विवाद चल रहा है।
वहीं, संत परमहंस के समर्थन मे हनुमानगढ़ी के नागा साधु उतरे है। सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के सैकड़ों नागा साधु संत परमहंस के समर्थन में उतरे, हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं का दावा है कि तपस्वी जी की छावनी हमारी है। गुरुपीठ हम आखरी सांस तक परमहंस का समर्थन करेगे।
वहीं, दूसरी ओऱ दिगंबर अखाड़ा से आने वाले साधु संतों ने तपस्वी छावनी पर अपने आधिपत्य का दावा किया है। संतो ने तपस्वी जी की छावनी को दिगंबर अखाड़े का स्थान बताया है। संतों का दावा है कि 2019 में तत्कालीन पीठाधीश्वर सर्वेश दास ने ट्रस्ट का गठन किया था। बीते 2 सितंबर को ही ट्रस्ट के द्वारा तपस्वी जी की छावनी के नए पीठाधीश्वर की घोषणा की गई है।
स्वर्गीय महंत सर्वेश्वर दास के द्वारा गठित ट्रस्ट के सदस्य दिलीप दास पोर्ट ट्रस्ट ने महंत और ट्रस्ट का अध्यक्ष मनोनीत किया है। बता दें कि निधन के बाद ट्रस्ट की आहूत बैठक में ट्रस्ट के सदस्य महंत दिलीप दास को ट्रस्ट ने महंत घोषित किया है।