तपस्वी छावनी की ताजपोशी रामनगरी अयोध्या में संतो के बीच में मठ मंदिर के आधिपत्य को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तपस्वी छावनी के महंती का मुद्दा अब आग पकड़ रहा है। अगर ये विवाद ऐसे ही चलता रहा और समय रहते अगर जिला प्रशासन ने मामले को नहीं सुलझाया तो इसके परिणाम सही नहीं रहेंगे। दरअसल इस विवाद के बढ़ने से संतो के दो गुटों में संघर्ष की आशंका जताई जा रही है।
आपको बता दें कि तपस्वी छावनी के महंती को लेकर राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास के नेतृत्व में संतों महंतों का एक प्रतिनिधिमंडल ने डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात की है। इस दौरान संतो ने डीआइजी को जानकारी देते हुए बताया है कि 2019 से तपस्वी छावनी में एक ट्रस्ट काम कर रहा है।
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महंतों के दो गुटों में संघर्ष
मुद्दा ये है कि जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के संत दिलीप दास को तपस्वी छावनी का महंत बनाया जा रहा है। जिसको लेकर दिलीप दास को महंती और चादर देनी है और भंडारा भी होना है। उस दिन डीआईजी से संतो ने सुरक्षा की मांग की है। वहीं दूसरा और हनुमानगढ़ी के नागा संतों का गुट है। जो तपस्वी छावनी के संत परमहंस को समर्थन दे रहा है। आपको बता दें कि अपने बयानों से चर्चा में आए परमहंस दास अब तपस्वी छावनी के महंत बनना चाहते हैं। परमहंस दास हनुमानगढ़ी के नागा संतो का समर्थन मिल रहा है। संतो के एक गुट को हनुमानगढ़ी समर्थन दे रहा है तो दूसरे गुट को राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास। जिसके चलते ये मुद्दा अब और गहराता जा रहा है।
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वहीं माना जाता है कि राजकुमार दास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं। फिलहाल संतो का एक गुट डीआईजी से मिलकर सुरक्षा की मांग कर रहा है तो दूसरा गुट भी परमहंस को महंत बनाने के लिए दावेदारी कर रहा है। समय रहते महंती विवाद को नहीं सुलझाया गया तो संतो महंतों के दोनों गुटों में संघर्ष तय माना जा रहा है।
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