भई इस साल हो क्या रहा है सभी त्यौहार दो दिन लेकर आ रहे है। पहले तो रक्षा बंधन में कन्फ़्युज़न थी कि राखी 11 को है या 12 को। उसके बाद जन्माष्टमी का भी यही हाल था । यानी राखी के बाद जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भी काफी मतभेद हो रहा था कोई 18 अगस्त को तो कोई 19 अगस्त को जन्माष्टमी होने का दावा कर रहा था। और अब करवाचौथ को लेकर दवा किया था रहा हैं कुछ ज्योतिषाचार्य और विद्वान करवा चौथ को 13 तो कुछ 14 अक्तूबर को मनाने की बात कह रहे हैं। तो चलिए आपकी ये दुविधा हम दूर कर देते हैं।
करवाचौथ 13 अक्तूबर को है
महिलाओं के बीच करवाचौथ के व्रत का अलग ही क्रेज देखने को मिलता है। इस व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 13 अक्तूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 14 अक्तूबर को रात 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। इस वजह से इस साल 13 अक्तूबर 2022 को देशभर में करवाचौथ का त्योहार मनाया जाएगा।

चांद को अर्घ्य देने का है विधान
इस दिन महिलाएं चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखकर चंद्रमा के दर्शन व पूजन करने के बाद व्रत को पूर्ण करेंगी। चांद को अर्घ्य देने का है विधान .पति को देखते हुए वे चांद को अर्घ्य प्रदान करेंगी। वहीं करवा चौथ के मध्यरात्रि के बाद व सूर्योदय से पूर्व सरगही करेंगी। सास के हाथों व्रती महिलाएं सरगही के सामान ग्रहण करेंगी।
पूजन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं –
शाम – 7.45 बजे से 9.02 बजे तक
मुहूर्त काल – 1 घंटा 18 मिनट
चंद्रोदय व अर्घ्य का समय : रात्रि 09: 02 बजे से