एक ओर जहां भारत में हिजाब-बुर्का को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। वहीं स्विट्जरलैंड में हिजाब-बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब स्विस सरकार ने बुर्का बैन का उल्लंघन करने पर 1000 डॉलर यानी 82,000 रूपए का जुर्माना लगाने के एक प्रस्ताव का मसौदा संसद में मंजूरी के लिए भेजा है।
देश में सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को ढंकने को लेकर पिछले साल जनमत संग्रह कराया गया था। जिसमें लोगों ने चेहरे ढँकने के खिलाफ वोट किया था। स्विस सरकार ने अब इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को लेकर एक मसौदा कानून संसद में भेजा है। हालांकि, इस तरह के आदेश को लेकर वहां पर विरोध भी शुरू हो गया है। स्विट्जरलैंड में महज 5 फीसदी आबादी ही मुस्लिम है और इनमें से अधिकांश तुर्की, बोस्निया और कोसोवो से ताल्लुक रखते हैं।
आपको बताते चलें कि स्विस कैबिनेट द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को ढँकने को लेकर कई तरह की छूट देने को भी शामिल किया गया है। इस प्रस्ताव में पूजा स्थलों, राजयनिक परिसरों और विमानों में चेहरे को ढँकने से छूट देने की बात कही गई है।
वहीं, स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिस्थितियों और स्थानीय रीति-रिवाजों से जुड़े मामलों को भी वैध रखा गया है। जिसके साथ ही कलात्मक प्रदर्शन और विज्ञापनों के लिए चेहरे को ढँकने में छूट दी गई है।
दरअसल, इसका उद्देश्य हिंसक प्रदर्शनकारियों को मास्क पहनने से रोकना है। बता दें, जुर्माना लगाने के कैबिनेट प्रस्ताव में सीधे तौर पर इस्लाम का उल्लेख नहीं किया गया है। कैबिनेट ने अपने एक बयान में कहा, “चेहरे को ढँकने पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। सजा देना प्राथमिकता नहीं है।”
आपको बता दें कि स्विट्जलैंड के अलावा कई देशों में बुर्का पर प्रतिबंध पहले ही लगाए जा चुके हैं। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, फ्रांस और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक रूप से चेहरा ढँकने पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध है।