UP News: उत्तर प्रदेश में हो रहे सड़क हादसे और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में नाराजगी जाहिर की थी। सीएम योगी ने यूपी की सड़को को गड्डा- मुक्ति के लिए डेड लाइन तह की थी। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने PWD के अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा था कि हर हाल में 15 नवंबर तक सड़के गड्डा- मुक्त हो जानी चाहिए और उन्होंने जल्द गड्ढा-मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन आज 7 तारीख हो चुकी है पर और ऐसे में योगी सरकार के अलग- अलग मंत्री गड्ढा मुक्त अभियान की हकिकत जानने के लिए जिलों में जा रहें है ताकि मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराया जा सके, लेकिन क्या वास्तव में मुख्यमंत्री के आदेश की पूर्ति हर जिलों में की जा रही है।
बता दें कि योगी सरकार के 15 नवंबर तक पूरे राज्य की सड़को को गड्ढा बनाने के आदेश के बाद पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद काफी सक्रिय नजर आए थे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कानपुर में सड़क का खुद निरिक्षण किया और निर्माण का गुणवत्ता को लेकर खासी नाराजगी दिखाई थी। इसके बाद वो खुद ही प्रदेश की सड़को का हाल देखने के लिए गए थे। भाटिया तिहारे से पनकी मंदिर तक बनी नई रोड को जब उन्होंने उंगली से खुरचा तो मिट्टी निकल आई। बताया गया कि इस रोड को बनने में 34 करोड़ की लागत आई है।जितिन प्रसाद ने इस दौरान कई जगह रुक-रुक रोड को देखा।
इस बीच खुद ही उन्होंने अपनी उंगली से रोड खुरची तो मिट्टी निकल आई। हकीकत सामने आते ही वह भड़क गए थे। मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट की प्रति उन्हें और विधायक को दी जाए। सीमेंटेड रोड आखिर कैसे उखड़ गई, इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाए। यही नहीं, रोड का निर्माण करने से लेकर गुणवत्ता का सत्यापन करने में जितने भी अफसरों की भूमिका हो, उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाए। सभी से जवाब-तलब किया जाए। इसके बाद उन्होंने अपने प्रमुख सचिव से भी मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था।
वहीं आज 7 नवंबर हो चूंका है और अभी तक सड़को के गड्ढे को लेकर किसी भी तरह कर का कोई कार्य नहीं हो पाया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के निरीक्षण के बाद भी हालातों को नहीं सुधारा जा रहा हैं। बता दें कि हरदोई से लेकर राजमार्ग, कानपुर नेशनल हाईवे आदि अधिकतर सड़कों में जगह जगह गड्ढा बना हुआ है जिससे आए दिन हादसे होने की खबर सामने आती ही रहती है। ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रहीं है।