केंद्र सरकार निजीकरण को लगातार बढ़वा दे रही है। इस बात का अनुसान इस बात से लगाया जा सकता है कि अब केंद्र सरकार कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के निजीकरण के लिए अगले साल जनवरी महीने में शुरुआती बोलियां आंमत्रित कर सकती है। इसके के अलावा इस महीने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से भारतीय नौवहन निगम की गैर-प्रमुख और भूमि परिसंपत्तियों को अलग करने की मंजूरी भी मिलने की उम्मीद है। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी है। वहीं इसके बाद सरकार मार्च या अप्रैल में एससीआई के लिए वित्तीय बोलियों आंमत्रित कर सकती है।
जहां से भी मूल्य मिलता दिखेगा, वहीं..
चालू वित्त वर्ष मार्च में खत्म होने जा रहा है। इसमें अब ओर कोई रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री की उम्मीद नहीं है। इसलिए 65000 करोड़ के विनिवेश लक्ष्य को पाने के लिए सरकार छोटी हिस्सेदारी की बिक्री पर जोर दे सकती है। वहीं उन्होंने बताया कि हम लक्ष्य का पीछा नहीं कर रहे हैं। जहां से भी मूल्य मिलता दिखेगा, वहीं हम विनिवेश कर देंगे। साथ ही बीईएमएल, एचएलएल लाइफकेयर व एससीआई की रणनीतिक बिक्रि के समापन की प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष तक जारी रहने की उम्मीद है।
इस प्रक्रिया के पूरे होने में कितना वक्त लगेगा
वहीं केंद्र सरकार एससीआई में 63.75 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्रि कर रही है, जिसमें मैनेजमेंट का ट्रांसफर भी है। एससीआई के बहीखातों के अनुसार जिन गैर प्रमुथ परिसंपत्तियों को अलग करने के लिए रखा गया है। उनका मूल्य 31 मार्च 2022 तक 2 हजार 392 करोड़ था।
मिली जानकारी के अनुसार कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया री रणनीतिक बिक्रि अगले वित्त वर्ष में पूरी होने का अनुमान है। इस प्रक्रिया के पूरे होने में लगभग 10 महीने का वक्त लगेगा। कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए रूचि पत्र जनवरी तक लाने की कोशिश की जाएगी।