ठंड का मौसम आ गया है, अब ऐसे में हमारे देश के सैनिक ठिठुरती ठंड में हमारे देश के सुरक्षा के लिए तैनात हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना वो देश की रक्षा कर रहे है तो वहीं देशवासी भी सैनिको के लिए प्रेमभाव की भावना रखते हैं। अब ऐसे में वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के टीचर श्याम चौरसिया ने देश के सौनिकों के लिए स्मार्ट दस्ताना तैयार किया है। यह काम उन्होंने मेरठ के MIIT इंजीनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की मदद से किया है। यह समार्ट दस्ताना जवानों को ठंड से बचाने के साथ ही दुश्मनों को 10,000 वोल्ट से अधिक करेंट का झटका भी देगा।
10 हजार वोल्ट से अधिक के करेंट के झटके भी देगा ये दस्ताने
वहीं श्याम चौरसिया ने बताया कि कुछ दिन पहले तवांग में भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई थी। उसके बाद वह स्मार्ट दस्ताना बनाने के लिए प्रेरित हुए। तीन से चार दिन में तैयार किए गए स्मार्ट दस्ताने को बनाने में लगभग 8500 रुपए का खर्च आया है। इसे बनाने में लेदर, कैपिसीटर, नैनो रेडियो कंट्रोल, गियर मोटर, डायनेमो 6 वोल्ट, स्विच, 3.7 वोल्ट की बैटरी और वायर का इस्तेमाल किया गया है। श्याम चौरसिया ने बताया कि स्मार्ट दस्ताने ठंड से बचाने के साथ ही दुश्मन को 10 हजार वोल्ट से अधिक के करेंट के झटके भी दे सकतें है। इन समार्ट दस्ताने ठंड से बचाने के साथ ही दुश्मन को 10 हजार वोल्ट से अधिक के करेंट के झटके भी दे सकते है। इन समार्ट दस्ताने ठंड से बचाने के साथ ही दुश्मन को 10 हजार वोल्ट से अधिक के करेंट के झटके भी दे सकतें है। इन स्मार्ट दस्तानों के माध्यम से सेना के जवान अपनी बंदूकों को दो किलोमीटर दूर से संचालित कर सकते हैं। दस्ताने में ट्रांस मीटर लगाया गया है। दस्ताने में लगे ट्रांस मीटर का रिसीवर बंदूक के ट्रिगर से् जोड़ा जा सकता है।
दो किलोमीटर दूर से चला सकेंगे बंदूक
जरूरत पड़ने पर दस्ताने में लगे ट्रांस मीटर की मदद से हमारे सैनिक अपनी बंदूक के ट्रिगर को संचालित कर दुश्मन पर दूर से ही गोलियां दाग सकते हैं। इसके अलावा हमारे जवान कहीं मुसीबत में हों या घायल हो गए हों तो दस्तानों की मदद से अपनी यूनिट के कंट्रोल रूम तक सूचना भी पहुंच सकते हैं। स्मार्ट दस्ताने को बिना बिजली के चार्ज किया जा सकता है।