माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता हैं। ये दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इसे श्री पंचमी, मधुमास और सरस्वती पंचमी भी कहा जाता हैं। बसंत पंचमी के दिन बच्चों की शिक्षा और कला से संबंधित कार्य करने पर उस क्षेत्र में वृद्धि होती है। इस दिन काम देव की भी पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी की डेट और देवी सरस्वती की पूजा के मुहूर्त को लेकर संशय की स्थिति है। चलिए आपको बताते हैं कि बसंत पंचमी की सही तारीख और मुहूर्त क्या है।
बसंत पंचमी की सही तारीख
बता दें कि माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 25 जनवरी 2023 को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा। शास्त्रों के अनुसार जिस दिन बसंत पंचमी तिथि सूर्योदय से दोपहर के बीच में व्याप्त होती है। बता दें कि देवी सरस्वती की पूजा के लिए वो दिन उत्तम माना जाता है। ऐसे में 26 जनवरी 2023 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाना शुभ रहेगा।
क्या है पूजा का विधि- विधान
बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 मां सरस्वती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। आपको बता दें कि सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और हल्दी, पीले अक्षत, रोली, मौली, पीले या सफेद रंग का फूल से मां सरस्वती की पूजा करें। देवी सरस्वती को मीठे पीले चावल का नेवैद्य लगाएं और फिर सरस्वती कवच का पाठ करें। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां शारदा के समक्ष पुस्तक और वाद्य यंत्र रखकर बच्चों से उनकी पूजा कराएं औप पीली चीजों का दान करें। बसंत पंचमी से बच्चे की पढ़ाई की शुरुआत करवाई जाती है। बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से उसमें कई गुना वृद्धि होती है।