आज से अतीक की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज माफिया बेटे की मौत पर तड़फ रहा है। उमेशपाल मर्डर केस से जुड़े दो आरोपियों असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया है। जहां कुछ लोग यूपी एसटीएफ और योगी सरकार की सरहाना कर रहे हैं। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ये एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है। आईए जानते हैं इस एनकाउंटर पर एडीजी STF अमिताभ यश का क्या कहना है।
News1india से खास बातचीत में बोले एडीजी STF अमिताभ यश
एडीजी STF अमिताभ यश News1india से खास बातचीत में बताया कि 24 फरवरी को इस गैंग ने राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेशपाल की हत्या कर दी थी। उमेशपाल की सुरक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस के दो जवान तैनात थे, जिन्हें भी मौत के घाट उतार दिया गया। तबहि से ये हमारे लिए एक चैलेंज था। ये एनकाउंटर क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर परहार था, क्योंकि अगर इसी प्रकार गवाहों की हत्या होती रही तो कोई और गवाही देने के लिए तैयार नहीं होगा और ऐसे में पुलिस का आत्मविश्वास भी कम होगा।
‘STF की 19 टीमें ने पूरी ताकत झोंक दी’
उन्होंने आगे कहा कि तभी STF पुरी ताकत से लगी हुई थी। 19 टीमें इस काम में लगी हुई थी। आज हमने इनको ट्रैक डाउन करने में सफलता प्राप्त की। पहले भी कई बार ये ट्रैक डाउन हुए थे। लेकिन ये तब बच गए थे, जैसे गुड्डू मुस्लिम मेरठ में बच गया। यह गैंग हमारी नजरों में था और झांसी में मुठभेड़ के दौरान यह दोनों मारे गए।
‘झांसी में खात लगाए बैठे से दोनों माफिया‘
बता दें कि माफिया अतीक का काफिला झांसी से ही गुजरा था। इसको लेकर एडीजी STF अमिताभ ने कहा कि आशंका थी कि सरकार की बदनामी करने के लिए, जेल में सुविधा पाने के लिए या पुलिस अपने काम को ठीक से न कर पाए इसके लिए यह झांसी में ताक लगाए बैठे थे। लेकिन पुलिस पहले से मुस्तैद थी और ऐसी कोई घटना नहीं हुई। गुड्डू मुस्लिम से लेकर हर अपराधी को हम ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी गिरफ्तार हो।