6 साल में 5 चुनाव हारी सपा, शिवपाल को आगे लाने में फिर भी क्यों डर रहे अखिलेश यादव?
यूपी के नगर निकाय चुनाव में हारने के बाद समाजवादी पार्टी में अंदर खाने बवाल मचा हुआ है। सपा कार्यकर्ता अब संगठन और नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जब शिवपाल यादव पार्टी में शामिल हुए तो लग रहा था कि पार्टी को मजबूती मिलेगी लेकिन नगर निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब नेतृत्व पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यूपी के नगर निकाय चुनाव में इस बार सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 17 नगर निगम में से एक भी सीट सपा जीत नहीं पाई। नगर निगम की 9 सीटों पर ही सपा दूसरे नंबर पर रही है, बाकी की 3 सीटों पर बीएसपी और 3 सीटों पर कांग्रेस दूसरे पायदान पर रही है।
6 साल में 5 बार चुनावी हार का करना पड़ा सामना
सपा पिछले 6 साल में 5 चुनाव बुरी तरह हारी है. जिसमें एक लोकसभा दो विधानसभा और दो नगर निकाय के चुनाव शामिल हैं. अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी आजमगढ़ और रामपुर जैसे मजबूत गढ़ भी हार चुकी है. समाजवादी पार्टी द्वारा किए जा रहे सारे एक्सपेरिमेंट विफल साबित हो रहे हैं।
आखिर शिवपाल को क्यों आगे नहीं ला रहे हैं अखिलेश?
2017 से लेकर अभी तक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल हैं. नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी 2017 का विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव हारी. इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव हारी 2022 का विधानसभा चुनाव और अब 2023 के निकाय चुनाव में भी सपा को करारी हार मिली है. सपा का प्रदेश संगठन अब तक सबसे कमजोर साबित हुआ है. मैनपुरी उपचुनाव में जीत के बाद समर्थकों के बीच शिवपाल सिंह यादव डिमांड में बने हुए हैं. लेकिन फिर भी उनको प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है. जबकि नेताजी मुलायम सिंह के समय में शिवपाल ही समाजवादी पार्टी के लिए स्ट्रेटजी बनाते थे।