14 साल की लड़की अपने साथ यौन अपराध होने के बाद अपनी गर्भावस्था खत्म करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची थी। कोर्ट ने लड़की को बाल गृह में भेजे जाने का आदेश पारित किया था। इसी बीच मेडिकल परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लड़की ने बच्चे को जन्म देने का निर्णय किया।
14 साल की लड़की देगी बच्चे को जन्म
कोर्ट ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल को एक मेडिकल बोर्ड बनाकर इस मामले पर अपनी राय देने का आदेश दिया था। जिसके बाद मेडिकल बोर्ड ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट में लड़की को 27 हफ्ते की प्रेग्नेंट बताया था ओर सलाह दी थी कि अगर वो अपनी प्रेग्नेंसी खत्म कराने की कोशिश करती है तो आने वाले समय में उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बोर्ड ने कहा कि आने वाले समय में उसके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ऐसा करना सही नहीं होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश
मेडिकल जांच को ध्यान में रखते हुए लड़की ने फैसला किया है कि वह बच्चे को जन्म देगी। बच्चे को जन्म देने के बाद वह उसे अनाथ आश्रम में छोड़ देगी।लड़की का भाई बहन के इस फैसले में उसके साथ है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए लड़की को मातृत्व केयर सेंटर में भेजे जाने का आदेश दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, मेडिकल अबॉर्शन के संबंध में कानून की स्पष्ट स्थिति यह है कि इसके लिए केवल महिला का राजी होना आवश्यक होता है। इस मामले में लड़की की उम्र सिर्फ 14 साल है जिस वजह से बच्ची के भाई की सहमति से हम इसको बालिका गृह भेजे जाने का फैसला सुनाते हैं, ताकि प्रसव होने तक इस बच्ची का अच्छे से ध्यान रखा जाए।