खबर जनपद पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली से है, जहां लखनऊ से आई एटीएस की टीम पूरनपुर पहुंची। यहां पहुंचकर टीम ने आतंकवाद के दौर का रिकॉर्ड खंगाला। टीम अभी नगर में ही डेरा डाले हुए हैं। हालांकि टीम ने अपने दौरे और रिकॉर्ड खंगालने के मकसद मैं कुछ भी बताने से इनकार किया है। 90 के दशक में तहसील क्षेत्र समेत पूरे जिले में आतंकवाद चरम पर था।
दिनदहाड़े होता था अपराध
शाम होते ही गांव के अलावा नगर में भी सन्नाटा पसर जाता था थानों के गेट बंद कर लिए जाते थे। दिनदहाड़े नगर में फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं होती थी। व्यवसायियों से फिरौती पत्र के माध्यम से वसूली की जाती थी। आतंकवादियों ने उस दौर में दियोरिया के जंगल में कटरुआ बीनने कई लोगों की सामूहिक हत्या कर दी, जो प्रदेश भर में काफी चर्चा में था।
5 सदस्य टीम पूरनपुर कोतवाली पहुंची
तमाम ऐसी घटनाएं हुई जिन्हें याद कर आज भी कुछ सीख जाते हैं। सोमवार को एसटीएस के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र यादव के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम पूरनपुर कोतवाली पहुंची। टीम ने आतंकवाद के दौर वर्ष 1990 से 1993 का रिकॉर्ड खंगाला। आपको बता दे, टीम अभी नगर में ही डेरा जमाए हुए हैं इंस्पेक्टर रमेश चंद यादव ने को लेकर अभी कुछ बताने से इनकार किया है। पिछले कुछ समय से पंजाब में चल रही है आतंकी गतिविधियों केतार पूरनपुर से जुड़े हैं। कई बार पुलिस यहां आ चुकी है तभी गैंगस्टर के मामले में तो कभी संदिग्ध आतंकी की तलाश में माना जा रहा है कि पुलिस पूर्व के आतंकियों के यहां से कनेक्शन ढूंढ रही है।