लखनऊ। अमेठी के संजय गांधी अस्पताल से बड़ी घटना सामने आई है। जिसमें एक 22 वर्षीय विवाहित महिला दिव्या शुक्ला को ऑपरेशन से पहले एनेस्थीसिया का डोज दिया जाने लगा जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। दिव्या शुक्ला की मौत पर माहौल गरमाया हुआ है।जिसके बाद मामला लखनऊ तक पहुंच चुका है।
चिकित्सा अधिकारी को जल्द कार्यवाही के आदेश
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मामले का जायजा लिया और तत्काल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जल्द कार्यवाही करने का आदेश दिया। अमेठी जिले के मुंशीगंज में गांधी परिवार द्वारा स्थापित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करते हुए ओपीडी समेत सारी सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
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घटना पर जांच कमेटी का गठन
सीएमओ द्वारा तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच कमेटी ने संजय गांधी अस्पताल पहुंचकर हर पहलू की जांच कर अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है। जिसके बाद संजय गांधी अस्पताल प्रशासन को नोटिस देते हुए स्पष्टीकरण देने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है।
संजय गांधी अस्पताल की जानकारी
यह अस्पताल 1986 से अमेठी में लगातार आम जनता को सेवाएं प्रदान कर रहा है. अमेठी जिले का यह इकलौता 350 बेडों वाला अस्पताल है। जहां पर लगभग 400 कर्मचारी काम करते हैं। यहां पर ANM और GNM जैसे कोर्स भी संचालित किए जाते हैं, जिसमें 1200 छात्र-छात्राएं पढने के साथ-साथ ट्रेनिंग भी करते हैं।
कांगेस के नेताओं की अमेठी में मीटिंग
अब पूरा अस्पताल बंद होने से एक बाद फिर से अमेठी की राजनीति गर्माइ हुई नजर आ रही है। लगातार दिल्ली से बड़े नेताओं का अमेठी पहुंचना जारी है, वहां पहुंचकर मीटिंग कर आगे की रणनीति तय करने की प्रकरिया जारी है। कांग्रेस पार्टी के नेता केंद्रीय कार्यालय पहुंचे, जहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की गई।
कांग्रेस के नेताओं ने लगाया BJP पर आरोप
कांग्रेस के नेता राज्य की भाजपा सरकार पर अस्पताल को ‘निशाना’ बनाकर उसपर ‘राजनीतिक बदला’ लेने का आरोप लगा रही है। उनका कहना है कि अस्पताल इसलिए बंद किया गया क्योंकि इस ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। कांग्रेस, यूपी सरकार से अस्पताल का ताला खुलवाने की मांग कर रहा है।