उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बदायूँ में एक महिला सिविल जज Jyotsana Sen Sucide Case ने शनिवार को अपने सरकारी आवास मे आत्महत्या कर ली है और उनका शव फंदे से लटका मिला था. सिविल जज ज्योत्सना राय मऊ की रहने वाली थीं लेकिन एक साल से उनकी पोस्टिंग बदांयू में हुई थी. ज्योत्सना राय की उम्र 29 वर्ष थी. पुलिस के मुताबिक जज के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है लेकिन सुसाइड नोट के बारे में कोई भी अधिकारिक रूप से बयान देने को तैयार नहीं है.
सुसाइड नोट मे क्या लिखा था ?
कुछ अधिकारियों का कहना है कि जज ज्योत्सना राय Jyotsana Sen Sucide Case ने अपना सुसाइड नोट अंग्रेजी में लिखा था जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनकी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है. वो काफी तनाव महसूस कर रहीं हैं. उनका सुसाइड नोट परिवार वालों को भी नहीं समझ आ रहा है. न्यायालय से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जज ज्योत्सना किस परेशानी से लड़ रहीं थीं, उन्हें क्या परेशानी थी. ज्योत्सना ने कभी अपने परिवार वालों या अपने साथियों से इस विषय कभी कोई जिक्र नहीं किया था.
सूत्रों के मुताबिक पता चला कि ज्योत्सना राय ने सुसाइड नोट में लिखा है कि रोज सुबह उठकर एक ही जैसी दिनचर्या में लगे रहने से वह ऊब गई थी. वह जो करने जा रही हैं उसके लिए कोई दोषी नहीं है. उन्होंने अपनी मौत के बाद उनके खरगोशों का ध्यान रखने के लिए भी कहा था और साथ ही अपना अंतिम संस्कार सरयू नदी के किनारे करने के लिए भी लिखा था.
परिवार वालों ने कहा –
सरकारी आवास पर जज ज्योत्सना राय का शव मिलने के बाद उनके परिवार वालों का बयान सामने आया है जिसमें उनके पिता अशोक कुमार राय का कहना है कि उनके परिवार में कोई भी इंसान इतना कमजोर नहीं है और न ही उनकी बेटी इतनी कमजोर थी. वह इतनी मजबूत थी कि किसी भी हालत मे वो आत्महत्या नहीं कर सकती थी उसकी हत्या की गई है. देर शाम उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी है. रात को आठ बजे महिला जज का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था.