Loksabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के साथ सुखबीर बादल की दिल्ली में जनवरी के आखिरी हफ्तें में मुलाकात हो हुई थी. अनुमाना लगाया जा रहा है कि दोनों सियासी दल में गठबंधन हो सकता है और लोकसभा चुनाव Loksabha Election 2024 में एक साथ उतर सकते हैं. जब पूरे देश में एनडीए के खिलाफ में ज्यादातर विपक्षी दल एक साथ होकर गठबंधन बना रहे हैं तो बसपा प्रमुख मायावती अपनी एक अलग ही चाल चल रही हैं.
छोटे दलों के साथ आ सकती है बसपा
बसपा ने अपनी सियासी रणनीतियों को तेज करते हुए एक बार फिर से छोटे-छोटे दलों के साथ हाथ मिलाकर बड़ी चाल चलने की तैयारी शुरू कर दी है. बसपा से जुड़े नेताओं की माने तो मायावती इस बार लोकसभा चुनाव Loksabha Election 2024 में उन सभी छोटे-छोटे दलों से हाथ मिलाने की तैयारी कर चुकी है जो विपक्षी दलों के गठबंधन से नहीं जुड़े है. इसी के साथ मायावती जल्द ही हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ अपना गठबंधन करने की तैयारी मे है. जबकि कई अन्य राज्यों में भी इस सियासत की लहर आ चुकी है. सूत्रों की माने तो बसपा ने हरियाणा में 6 सीटों और इनेलो को 4 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर तैयार किया है.
पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में गठबंधन
पंजाब में भी मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और शिरोमणि अकाली दल (अकाली दल) का गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए लगभग तय माना जा रहा है. आधिकारिक तौर पर लोकसभा चुनाव के लिए बसपा और अकाली दल की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है. बसपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मायावती सिर्फ हरियाणा पंजाब में ही इन दलों के साथ गठबंधन में नहीं जाने वाली बल्कि कुछ और भी दलों के साथ भी उनका समझौता होने वाला है. इसमें मध्य प्रदेश में जीजीपी और छत्तीसगढ़ समेत झारखंड के कुछ राजनैतिक दल भी शामिल होने वाले है. दरअसल छोटे दलों के साथ समझौते को लेकर मायावती की अपनी एक अलग रणनीति का कयास लगाया जा रहा है.
सियासी जानकारों के मुताबिक मायावती अभी तक उत्तर प्रदेश में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने वाली हैं. इसलिए यहां के सियासी समीकरण भी बदले हुए नजर आ रहे हैं.