बाबा रामदेव के कारोबारी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया. दोनों ने दादू बाग स्थित मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. रामदेव एक साधारण व्यक्ति की तरह मतदान करने पहुंचे और एक आम आदमी की तरह लंबे कतार में लगकर मताधिकार का प्रयोग किया.
यह भी पढ़ें- Loksabha Election: समाजवादी पार्टी ने किया 11 और उम्मीदवारों का ऐलान, किसको कहां से मिला मौका
लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व- योग गुरु रामदेव
बता दें कि मतदान के दौरान योग गुरु के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहे. मतदान करने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा की यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व है. ऐसे में लोकतंत्र के इस पर्व में सिर्फ उन लोगों को वोट करना चाहिए जिनकी नियत नीति नेतृत्व और चरित्र पवित्र है. वहीं जो लोग ऐसे समय में वोट करने नहीं निकलते हैं समझिए वह राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे.
मोदी का व्यक्तित्व हिमालय की तरह
योग गुरु बाबा राम देव ने आगे कहा कि हमारे शहीदों के प्रति यह हमारा उत्तरदायित्व है की हम सुशासन के लिए मतदान करें. इसके अलावा उन्होंने योग्य उम्मीदवार चुनने की बात भी कही. रामदेव ने नोटा नहीं चुन कर जो भी सर्वश्रेष्ठ है उसको चुनकर भेजने की बात कही. उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान के सभी नेताओं के व्यक्तित्व की तुलना करें तो उसमें नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व हिमालय की तरह है. दरअसल बाबा रामदेव भी एक फकीर है और मोदी जी भी फकीर हैं.