नई दिल्ली। नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO)द्वारा जारी GDP के नए आंकड़ों में वित्त वर्ष 2023-2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट ग्रोथ बढ़कर 8.4% पर पहुंच गई है। जीडीपी में यह ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के बेहतर परफॉर्मेंस की वजह से हुई है। पिछली तिमाही में GDP का ग्रोथ 7.6% रही थी। जबकि एक साल पहले यानी 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह ग्रोथ 4.5% बढ़ी थी। गौरतलब है कि RBI ने तीसरी तिमाही में GDP का ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान जताया था। लेकिन यह उसके अनुमानों से ज्यादा रहा।
GDP ग्रोथ की मुख्य वजह
माइनिंग ग्रोथ1.4% से बढ़कर 7.5% हुई।
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 4.8% से 11.6% हुई।
कंस्ट्रक्शन ग्रोथ में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ यह 9.5% रही।
पिछले सात तिमाहियों में जीडीपी का हाल
- अप्रैल-जून 23 – 13.1 %
- जुलाई – सितंबर 23 -6.3 %
- अक्टूबर -दिसंबर 23 -4.4%
- जनवरी- मार्च 23 – 6.1%
- अप्रैल-जून 24 – 7.8 %
- जुलाई – सितंबर 24 -7.6%
- अक्टूबर -दिसंबर 24 – 8.4 %
सेक्टर वाइज डाटा
- एग्रीकल्चर –0.8%
- मैन्युफैक्चरिंग -11.6%
- कंस्ट्रक्शन- 9.5%
- ट्रेड,होटल, ट्रांसपोर्ट- 6.7%
- फाइनेंशियल, रियल एस्टेट- 7.0%
बीते 5 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था
- 2018-19- 6.80%
- 2019-20- 3.70%
- 2020-21- -6.60%
- 2021-22- 8.70%
- 2022-23- 7.2%
कैसे किया जाता है GDP का कैलकुलेशन
GDP दो तरह की होती है। एक रियल GDP और दूसरा नॉमिनल GDP। रियल GDPके वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 का उपयोग किया जाता है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस के आधार पर किया जाता है। ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट को कैलकुलेट करने के लिए GDP=C+G+I+NX फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। यहां C का मतलब है होता प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब होता है गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब होता है इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब होता है नेट एक्सपोर्ट है।