दल खोज में, भाजपा इन पर दांव लगाने के लिए तैयार
यूपी की कैसरगंज सीट पर अभी तक कोई पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं चुना है। अंतिम चरण में नामांकन होता है। आज हर दल अपने-अपने दावे कर सकता है। भाजपा हाईकमान ने इसके विपरीत सख्ती दिखाई। महिला या दिग्गज पर दांव की तैयारी है।
राजधानी से लेकर दिल्ली तक, कैसरगंज, राज्य की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है। पार्टी नफा-नुकसान पर इतनी गंभीर है कि नाम चुनना मुश्किल है।
अभी नहीं खुल रहे पत्ते
अब अंतिम दौर के नामांकन में प्रत्याशी चुनना एक बड़ी चुनौती बन गया है। भाजपा ही नहीं, तीनों दलों में भी बहस चल रही है कि आखिर कौन राजनीतिक गरिमा को बचाएगा। भाजपा ने इस चाल में एक नया रास्ता खोजा है। महिला नेतृत्व को या किसी दिग्गज को क्षेत्र की कमान दी जा सकती है। यह बुधवार को पूरे दिन चर्चा का विषय रहा। भाजपा ने कैसरगंज में सत्तारूढ़ राजनीतिक नेता से क्या हाथ धोया, यह बताने में देरी हुई। सियासी सेना एक महीने से सजे मैदान में कदमताल कर रही है।
कर्नाटक घटना के बाद चर्चा
दिल्ली की बैठक में चर्चा हुई कि अब कर्नाटक की घटना के बाद महिला नेतृत्व को कैसरगंज की चाभी दी जाएगी। इसके लिए भगवा रंग की समाजवादी घराने की बहू का नाम भी चर्चा में रहा। स्थानीय राजनेताओं का नाम भी चर्चा में आया।देर शाम तक नाममात्र की चर्चा हुई। साथ ही राज्य सरकार के डिप्टी सीएम का नाम भी चर्चा में था। समय की कमी से सभी को जल्द ही निर्णय लेने की उम्मीद है। अब चर्चा सिर्फ यह है कि आखिर किसके हाथ में फूल महकेगा।
सपा ने भी नहीं खोला राज
जब हम सपा की बात करते हैं, चार लोगों ने नामांकन पत्र लिया है, लेकिन अभी उन्हें दाखिल करने की अनुमति नहीं मिली है। भाजपा भी अंतिम समय तक इंतजार करने के मूड में दिखती है, जबकि बसपा भी किसी का इंतजार कर रही है। भी शुक्रवार से पहले समाप्त हो जाएगा।
अब देखना अहम होगा कि इस इंतजार में कौन बेकरार है। पूरा समीकरण इस पर निर्भर है। बेकरारी भी विद्रोह में बदल सकती है।
मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि कैसरगंज सीट से मौजूदा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जा सकता है। उनकी जगह उनके छोटे बेटे को टिकट देने की चर्चा है। या किसी महिला को भी क्षेत्र जा सकता है.