NISAR: नासा और इसरो का संयुक्त सैटेलाइट, इस साल जल्द ही लॉन्च होने वाला है। इसरो और नासा मिलकर इस रडार प्रणाली को बना रहे हैं, जो क्लाइमेट चेंज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। साथ ही, इससे जंगलों और वेटलैंड (नमी या दलदली जमीन) की निगरानी की जा सकती है।
निसार किस काम के लिए बनाया गया था?
स्पेस एजेंसियां ब्रेस्ट और वेटलैंड में कार्बन सर्किल पर क्या असर हो रहा है और इससे क्लाइमेट चेंज कैसे हो रहा है, यह जानना चाहते हैं। इसके अलावा, इस रडार से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में वैज्ञानिकों को पहले से ही पता चल सकेगा।
A powerful new space mission will track our changing Earth in fine detail 🌏
The joint @NASA–@ISRO mission – called #NISAR – will give us insight into what triggers earthquakes, volcanoes, landslides, and other natural hazards. It’s set to launch from India in coming months. pic.twitter.com/eIeNuRjXVD
— NASA JPL (@NASAJPL) January 9, 2024
इस मिशन की शुरुआत में, इसरो ने बताया कि लॉन्च 2024 में होना था। इस सैटेलाइट से कार्बन नियंत्रण को जंगलों और वैटलैंड में कितने महत्वपूर्ण माना जा सकेगा। ये सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा, जो हर बारह दिनों में पूरी धरती और सभी ग्लेशियरों को देखेगा। आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए जंगल और वेटलैंड बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए ग्रीनहाउस गैसों का नियंत्रण पर्यावरण में जारी है।
लोगों को कैसे बचाया जा सकता है?
निसार बवंडर, तूफान, ज्वालामुखी, भूकंप, ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्री तूफान, जंगली आग, समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी, खेती, गीली धरती और बर्फ का कम होना जैसी आपदाओं की सूचना देगा। इसके अलावा, इस सैटेलाइट को धरती के आसपास जमा हो रहे कचरे और अंतरिक्ष से धरती की ओर आ रहे खतरों की जानकारी मिलेगी। वहीं इससे प्रकाश की कमी और बढ़ोतरी के साथ-साथ पेड़ों की संख्या की कमी और बढ़ोतरी की भी जानकारी मिलेगी। जिससे इंसानों को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा।