NDA Government: रविवार को देश में नई सरकार का गठन होगा। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। करीब छह दशक बाद यह पहला मौका होगा जब कोई नेता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेगा। नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के साथ ही उनके नेतृत्व वाली तीसरी सरकार काम करना शुरू कर देगी। मोदी लगातार कहते रहे हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों से भरा होगा। पिछले 10 साल का काम तो बस ट्रेलर है। एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने पर भी उन्होंने ये बातें दोहराईं। मोदी के दूसरे NDA Government कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, राम मंदिर निर्माण, नागरिकता कानून कानून लागू करना बड़े फैसलों में गिना जाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल भी है कि एनडीए सरकार इस बार क्या बड़े और कड़े फैसले ले सकती है? आखिर किन क्षेत्रों में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं?
एक देश एक चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के घोषणापत्र में एक देश एक चुनाव का वादा किया गया है। नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के सभी बड़े नेता इसके क्रियान्वयन की वकालत कर रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2019 पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से भाजपा की ओर से कई मौकों पर एक देश एक चुनाव की बात की गई है। 2018 में विधि आयोग की एक मसौदा रिपोर्ट के बाद देश में चुनाव पर बहस शुरू हुई थी। उस रिपोर्ट में आर्थिक वजहें बताई गईं। आयोग ने कहा कि 2014 में हुए लोकसभा चुनावों और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों पर लगभग समान खर्च किया गया था। यही कारण है कि खर्च दोनों ओर बंटेगा अगर चुनाव एक साथ होते हैं।
फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप भी दी है। अब तीसरे कार्यकाल में एनडीए सरकार इसे लागू करने पर जोर दे सकती है। एनडीए सरकार में मुख्य पार्टी बनी जेडीयू ने भी इस पर अपना समर्थन जताया है।
समान नागरिक संहिता
देश भर में सबके लिए एक समान कानून बनाना NDA Government बीजेपी के एजेंडे में रहा है। पार्टी ने इस विषय को अपने 2024 के घोषणापत्र में रखा है। भारतीय जनता पार्टी ने 2022 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाया था और चुनाव जीतने के बाद इसे लागू भी किया था। अब बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के तीसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए सहयोगी दलों का समर्थन जुटाना बड़ी चुनौती होगी। यूसीसी के मामले में जेडीयू ने भी कहा है कि इसमें सभी की राय जरूरी है।
विदेश नीति में यूएनएसी की स्थायी सदस्यता पर जोर
नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में वैश्विक नेता के तौर पर भारत की स्थिति मजबूत करने पर जोर देते रहे हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी की विदेश नीति का लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की लंबे समय से प्रतीक्षित स्थायी सदस्यता को साकार करना होगा। विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार यूएनएससी की सदस्यता पर जोर देगी, लेकिन इस प्रयास में संयुक्त राष्ट्र में सुधार भी शामिल है। यूएनएससी में सुधार एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि स्थायी सदस्य चीन अक्सर भारत को इसमें शामिल करने का विरोध करता रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत का विस्तार
केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को तीसरे कार्यकाल में बड़े आकार में देखा जा सकता है। नरेंद्र मोदी चुनावी कार्यक्रमों में कहते रहे हैं कि बड़े फैसलों के लिए ‘मोदी की गारंटी’ तीसरे कार्यकाल में पूरी होगी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने भविष्य के लिए अपने विजन को रेखांकित किया। मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत दी जाने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सेवा तक अभूतपूर्व पहुंच पर जोर दिया।
इसके अलावा, भाजपा के 2024 के घोषणापत्र में 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत के कवरेज का और विस्तार करने का भी वादा किया गया है।