Vande Bharat: रेल मंत्रालय ने कहा कि साल 2029 से पहले स्लीपर और नॉन स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें 300 तक चलाई जाएंगी। आने वाले कुछ सालों में ट्रेन यात्रा को और भी आरामदायक और सुरक्षित बनाया जाएगा। इसके लिए रेलवे में अभूतपूर्व बदलाव किए जा रहे हैं।
Vande Bharat की स्पेशल ट्रेन जल्द ही पटरी पर दौड़ेगी
मोदी 3.O: सरकार के सभी मंत्रियों ने जिम्मेदारी ले ली है। मंत्री बनते ही अगले कुछ महीनों में किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की जा रही है। रेलवे क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाएं इस समय पूरी होने वाली हैं। वंदे भारत की स्लीपर वर्जन ट्रेन बहुत जल्द शुरू हो जाएगी। इस बीच, सूचना मिली है कि भारत में दो महीने के अंदर पहली स्लीपर Vande Bharat ट्रेन बनाई जाएगी। 2029 तक 250 से 300 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। 2029 तक भारत में 300 स्लीपर और नॉन स्लीपर वंदे ट्रेनें चलाई जाएंगी।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का फिनिशिंग कार्य चल रहा है
वहीं बुलेट ट्रेन की पटरियां बिछाने में 310 किलोमीटर का काम हो चुका है। समुद्र के पानी के अंदर काम तेजी से चल रहा है। वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। अभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का फिनिशिंग कार्य चल रहा है।
Vande Bharat की एक बोगी की लागत 8 करोड़ रुपये है
इस बीच वंदे मेट्रो का काम भी तेजी से चल रहा है। वंदे मेट्रो की एक बोगी की लागत करीब 11 करोड़ रुपये है। वंदे भारत की एक बोगी की लागत 8 करोड़ रुपये है। वंदे मेट्रो बनकर तैयार है। बहुत जल्द वंदे मेट्रो का ट्रायल भी किया जाएगा।
ट्रेनों में लगाया जा रहा है सिस्टम
रेलवे में किए जा रहे अभूतपूर्व कवच सुधार के बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे के एक उपकरण के रूप में कवच प्रणाली का पेटेंट कराया गया है। कवच प्रणाली को ट्रेन में लगाया जा रहा है। ट्रेनों में कवच प्रणाली लगाने से पहले ट्रैक और स्टेशन पर डेटा सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। रेल मंत्री ने कहा कि 6000 किलोमीटर पर कवच प्रणाली लगाई जा चुकी है। 10 हजार किलोमीटर पर काम चल रहा है। कवच प्रणाली को और विकसित किया जा रहा है।
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गर्मियों में चलाई गईं समर स्पेशल ट्रेनें
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि इस बार गर्मियों में पहले की तुलना में दस गुना अधिक ट्रेनें चलाई गई हैं। छठ पर चार गुना अधिक ट्रेनें चलाई गईं। वेटिंग की समस्या को देखते हुए 19837 समर स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। ये ट्रेनें जून और मई महीने में चलाई गई हैं। भारतीय रेलवे ने इन ट्रेनों को पूरे देश में चलाया है। इन ट्रेनों में 4 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है।
3 हजार ट्रेनें बढ़ेंगी तो वेटिंग टिकट की समस्या खत्म हो जाएगी
वेटिंग टिकट की समस्या पर रेल मंत्री ने कहा कि अगर हम 3 हजार ट्रेनें बढ़ा दें तो वेटिंग लिस्ट की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। यह साल 2032 तक ही संभव हो पाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2014 से पहले प्रतिदिन 4 किलोमीटर ट्रैक बनता था। अब 2024 में प्रतिदिन 14 किलोमीटर ट्रैक बन रहा है।