सुप्रीम कोर्ट में सुरेंद्र कोली की बरी पर सवाल:
- 4 मई, 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के कुख्यात निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा था।
- सीबीआई का कहना है कि कोली एक सीरियल किलर है जिसने छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनकी हत्या कर उनका मांस भी पकाया था।
- ट्रायल कोर्ट ने कोली को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने पलट दिया था।
वह लड़कियों को मारकर उनका मांस पकाता था
वकील तुषार मेहता ने कहा कि वह छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता था और फिर उन्हें मारकर उनका मांस पकाता था।Nithari massacre ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे पलट दिया गया है। यह वाकई भयावह है। 4 मई को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा निठारी हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार/सीबीआई से जवाब मांगा था।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने भी बरी किए गए आरोपियों को नोटिस भेजा। लड़कियों में से एक के पिता की अपील पर सुनवाई हो रही थी। निठारी हत्याकांड से जुड़े कुछ मामलों में पंढेर और सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। Nithari massacre निचली अदालत द्वारा उन्हें दी गई मौत की सजा को हाईकोर्ट ने पलट दिया।
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हाईकोर्ट का फैसला:
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर और कोली को निठारी हत्याकांड से जुड़े कुछ मामलों में बरी कर दिया था।
- हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा कोली को दी गई मौत की सजा को पलट दिया था।
- कोली को 12 मामलों में और पंढेर को 2 मामलों में बरी कर दिया गया था, जबकि उन्हें पहले हत्या का दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी।
किस मामले में आरोपी बरी हुए
हाईकोर्ट ने कोली को 12 मामलों में और पंढेर को 2 मामलों में बरी कर दिया था, जबकि वे पहले भी हत्या के दोषी थे और इन मामलों में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील के अनुसार, हाईकोर्ट ने मेडिकल साक्ष्य के साथ-साथ मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए आरोपी के न्यायिक कबूलनामे को भी गलत तरीके से खारिज कर दिया।
हाल की घटनाएं:
- सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई, 2024 को कोली की बरी पर सवाल उठाए थे।
- सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
- मामले की अंतिम सुनवाई अभी बाकी है।
Nithari massacre क्या है
Nithari massacre 2005 से 2006 के बीच हुआ था। दिसंबर 2006 में यह मामला तब लोगों के ध्यान में आया जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल मिले। तब पता चला कि मोनिंदर सिंह पंढेर घर का मालिक था और कोली उसका नौकर था। सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की और आखिरकार कई मामले दर्ज किए। सभी मामलों में सुरेंद्र कोली पर हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने समेत कई आरोप लगाए गए।
मामले की पृष्ठभूमि:
- निठारी हत्याकांड 2005 और 2006 के बीच नोएडा के निठारी गांव में हुआ था।
- दिसंबर 2006 में, एक घर के पास नाले में कंकाल मिलने के बाद यह मामला सामने आया।
- सीबीआई ने जांच शुरू की और कई मामले दर्ज किए।
- सुरेंद्र कोली पर हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और सबूत मिटाने सहित अनेक आरोप लगाए गए थे।
- मोनिंदर सिंह पंढेर पर अनैतिक तस्करी का आरोप था।
- कोली को कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया गया था और 10 से अधिक मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी।
- जुलाई 2017 में, सीबीआई अदालत ने पंढेर और कोली को 20 वर्षीय महिला पिंकी सरकार की हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
मोनिंदर सिंह पंढेर अनैतिक तस्करी से जुड़े एक मामले में आरोपी था। कोली को आखिरकार कई लड़कियों के बलात्कार और हत्याओं का दोषी पाया गया और 10 से अधिक मामलों में उसे मौत की सजा सुनाई गई। जुलाई 2017 में सीबीआई अदालत ने पंढेर और कोली को 20 वर्षीय महिला पिंकी सरकार की हत्या के लिए दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा सुनाई।