Baba Ramdev on Kanvad Controversy: यूपी सरकार ने कांवड़ रूट पर स्थित दुकानों पर मालिक का असली नाम लगाने के फैसले को लेकर मचा हुआ विवाद थमता नहीं दिख रहा है। योग गुरु बाबा रामदेव अब इस बहस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इस निर्णय का समर्थन किया, कहते हुए कि इसमें कोई बुराई नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि भारत पूरी दुनिया की नज़र में है। रहमान को अपनी पहचान बताने की क्षमता नहीं है तो रामदेव को क्यों? हिंदू और मुसलमान दोनों को अपनी विशिष्ट पहचान बतानी चाहिए। हमारे देवता एक हैं। किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बचाने की क्षमता नहीं है।
कांवड़ियों को भी अपील की
बाबा रामदेव ने भी कांवड़ियों से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांवड़िये भी अनुशासन रखें और समझदारी दिखाएं। मैं सनातन घर्म को अपने व्यवहार में शामिल करने का आह्वान करता हूँ। हमें अपने व्यवहार से परिचित होना चाहिए।
#WATCH | Haridwar: On 'nameplates' on food shops on the Kanwar route in Uttar Pradesh, Yog Guru Baba Ramdev says, "If Ramdev has no problem in revealing his identity, then why should Rahman have a problem in revealing his identity? Everyone should be proud of their name. There is… pic.twitter.com/co47Ki6CrJ
— ANI (@ANI) July 21, 2024
राजनीति विरोध
Baba Ramdev यहीं नहीं रुके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले पर हो रहे विरोध पर भी उन्होंने खुलकर बात की। बाबाजी ने कहा कि इस फैसले का विरोध राजनीतिक है। मोदी भी विरोधी हैं। विरोधी कहते हैं कि वे संविधान को खतरा पैदा करते हैं।
कैसे बहस शुरू हुई?
यूपी सरकार ने सीएम योगी आदित्यनाथ को कांवड़ रूट पर सभी दुकानों, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा और ठेले वालों को कहा कि वे अपना नाम अपनी दुकानों के आगे लिखें, जो इस पूरे विवाद की शुरुआत थी। ताकि यात्रियों को पता चल सके कि वे किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। दुकान मालिक को भी अपना नाम बताना होगा। इसके अलावा, दरों की सूची बनाने को भी कहा गया है।
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सीएम योगी के इस आदेश पर विपक्ष ने भी हमला बोला।
विपक्षी पार्टियों ने इसे राज्य सरकार की कट्टरता और मुस्लिम दुकानदारों को लक्षित करने वाली कार्रवाई बताया है। राज्य सरकार की आलोचना करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं। सरकार शांति को बिगाड़ना चाहती है।
राज्य सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इसे असंवैधानिक बताया। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों को चुनावी फायदे के लिए अपना पूरा नाम दिखाने का आदेश दिया है।