जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, की कि मामूली चोटों के मामले में किसी व्यक्ति को 100 दिनों से ज्यादा जेल में नहीं रख सकते। कोर्ट ने कहा कि स्थिति में संतुलन (Swati Maliwal) बनाना ज़रूरी है, न कि जमानत का अंधाधुंध विरोध करना।
विभव कुमार की जमानत याचिका पर (Swati Maliwal) सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी ध्यान दिलाया कि याचिकाकर्ता पहले से ही 100 दिनों से अधिक समय से जेल में है। इस मामले में 51 से अधिक गवाह हैं, जिससे सुनवाई लंबी खिंच सकती है!
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए ASG एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया, यह कहते हुए कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है। इस पर सुप्रीम कोर्ट (Swati Maliwal) ने कहा कि निचली अदालत जमानत की शर्तें तय करेगी। विभव कुमार को मुख्यमंत्री कार्यालय या किसी अधिकारी के परिसर में जाने से रोका गया है और उन्हें कोई सरकारी पद नहीं मिलेगा। इसके अलावा वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और न ही मामले से जुड़ा कोई बयान देंगे।
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बता दें, कि बीती 18 मई को स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने मुख्यमंत्री आवास पर विभव कुमार के खिलाफ बदसलूकी का आरोप लगाया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 18 मई को विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। तब से विभव जेल में बंद थे। उनकी जमानत याचिका को पहले निचली अदालत और फिर हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया था।