Periods Myth : अचार को लेकर यह धारणा (Myth )काफी प्रचलित है कि अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान अचार छू लें, तो वह सड़ जाता है. यह एक पुरानी और सांस्कृतिक मान्यता है, जो विशेष रूप से भारतीय समाज में गहरी जड़ें जमा चुकी है. हालांकि, इस धारणा के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, और यह पूरी तरह से मिथक है.
वैज्ञानिक और medical specialist इस बात पर जोर देते हैं कि पीरियड्स होने के दौरान महिलाओं के शरीर में कोई ऐसा रासायनिक या शारीरिक परिवर्तन नहीं होता है जो किसी खाद्य पदार्थ को खराब करने की क्षमता रखता हो.
अचार सड़ने का कारण बैक्टीरिया या फंगस होते हैं, जो तब पनपते हैं जब अचार को सही तरीके से नहीं रखा जाता या उसमें नमी आ जाती है. पीरियड्स महिलाओं का अचार को छूना और उसके खराब होने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है.
सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं
Periods महिलाओं को लेकर ऐसी मान्यताएं कई प्राचीन संस्कृतियों में देखने को मिलती हैं, जहां उन्हें “अशुद्ध” माना जाता था. इस सोच के पीछे का कारण उस समय की स्वच्छता संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, क्योंकि तब पीरियड्स के दौरान स्वच्छता के लिए उपलब्ध सुविधाएं उतनी विकसित नहीं थीं. आजकल, चिकित्सा विज्ञान और स्वच्छता के साधनों के विकास के साथ, ऐसी मान्यताओं का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
आजकल, महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. कई सामाजिक संगठनों और अभियानों के माध्यम से इन मिथकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. महिलाएं अब खुलकर इन मुद्दों पर बात कर रही हैं, और इनसे जुड़े सामाजिक धारणाओं को चुनौती दे रही हैं.
अचार के सड़ने और पीरियड्स महिलाओं के संपर्क में आने के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है. यह एक पुरानी सांस्कृतिक मान्यता है, जिसे समय के साथ गलत धारणाओं के कारण बढ़ावा मिला है. आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा के अनुसार, पीरियड्स महिलाओं द्वारा अचार को छूने से कोई नुकसान नहीं होता है.