Ghazipur: जब रेल पटरियों पर चलने वाले लोग गिट्टी और लकड़ी की नई “डेकोरेशन” ट्रेंड सेट कर रहे हैं, तो गाजीपुर का रेलवे स्टेशन बन गया है एक कॉमेडी स्टेज! हाल ही में, रेलवे ट्रैक पर हो रही अजीबोगरीब घटनाओं ने सभी का ध्यान खींचा है। क्या ये लोग असली अपराधी हैं, या बस मजाक के शौकीन? आइए, इस मजेदार साजिश की सच्चाई और आरपीएफ के अनोखे अभियान पर एक नज़र डालते हैं!
Ghazipur में रेल को डिरेल करने की महा साजिश!
उत्तर प्रदेश के Ghazipur जिले में इन दिनों एक नयी ट्रेन चल रही है—”डिरेल साजिश एक्सप्रेस”! पिछले कुछ समय में यहां पर न केवल गिट्टी, बल्कि लकड़ी के मोटे टुकड़े भी रेलवे ट्रैक पर रखकर ट्रेन को पलटाने की कोशिशें हुई हैं। क्या ये कोई नया खेल है या फिर रेलवे ट्रैक पर खेला जाने वाला एक मजेदार कॉमेडी स्केच?
थाने में बैठकर नहीं, ट्रैक पर!
आरपीएफ की टीम ने तो जैसे रेलवे ट्रैक पर एक नया अभियान छेड़ दिया है। “बेवजह टहलने वालों की गली” में 28 लोगों को पकड़ लिया गया है। अब ये लोग अपनी गलती की माफी मांगते हुए आरपीएफ के सामने हाथ जोड़कर खड़े थे, जैसे कि स्कूल में मास्टरजी के सामने खड़े हों!
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गिरफ्तारी का मजेदार मोड़
गिरफ्तारी के बाद, लोगों ने अपने बचाव में कहा, “साहब, गलती हो गई! अगली बार से हम सिर्फ टिकट लेकर ही चलेंगे!” ऐसा लग रहा था जैसे सभी लोग एक साथ मिलकर “गलती से हमसे गलती हो गई” का नया गाना गाने वाले हैं।
रील बनाने वालों की पहचान
आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक अमित राय ने जानकारी दी है कि रील बनाने वाले लोग भी काफी सक्रिय हैं। तो अब आरपीएफ सोशल मीडिया पर ऐसे “सीक्रेट एजेंट” की तलाश कर रही है जो रेलवे ट्रैक पर छुपकर रील बना रहे हैं। ये कौन हैं, क्या कोई टिकटॉक स्टार? या फिर किसी के पास “मास्टर रील” का टाइटल है?
ट्रेन चलने दो, मजा आने दो!
अंत में, आरपीएफ ने ये साफ कर दिया है कि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए उनका अभियान लगातार चलता रहेगा। क्योंकि आखिरकार, “ट्रेन चलने दो, मजा आने दो!” के मूड में सभी लोग हैं—बिना डिरेल हुए!