बयान ने खड़ा किया विवाद
Afzal Ansari ने हाल ही में एक बयान में गांजे को वैध करने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था, “लाखों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं, और इसे धार्मिक आयोजनों में भगवान का प्रसाद और बूटी कहा जाता है। जब भांग पर लाइसेंस मिलता है, तो गांजे पर क्यों नहीं?” इस बयान ने धार्मिक समुदाय, विशेषकर साधु-संतों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया है।
सांसद ने यहां तक कहा कि अगर कुंभ के दौरान मालागाड़ी भरकर गांजा भेजा जाए, तो उसकी खपत हो जाएगी। उन्होंने इसे सेहत और भूख बढ़ाने वाला बताया और इस पर कानूनन वैधता देने की मांग की।
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साधु-संतों का विरोध
सांसद Afzal Ansari के बयान के बाद अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती सहित कई संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। स्वामी जितेंद्रानंद ने अफजाल अंसारी के बयान को ‘अमर्यादित’ करार दिया और कहा कि यह सनातन धर्म के पर्व महाकुंभ का अपमान है। उन्होंने कहा, “इस तरह की टिप्पणी सहन नहीं की जाएगी।” उज्जैन के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने भी अंसारी की कड़ी निंदा की और कहा कि उनकी “बुद्धि भ्रष्ट हो गई है।”
कानूनी कार्रवाई
सांसद अफजाल अंसारी के इस विवादित बयान को लेकर गोरा बाजार चौकी के इंचार्ज राजकुमार शुक्ला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (3) बीएनएस 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया है।