Shardiya Navratri 2024 : नवरात्रि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री और मां पार्वती का रूप हैं। इस दिन पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन Shardiya Navratri होता है।
पहले Navratri की पूजा विधि
Shardiya Navratri में कलश स्थापना
पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। इसे घटस्थापना भी कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें, जिसमें पानी, सुपारी, सिक्के, पंचरत्न, और आम के पत्ते डाले जाते हैं। इसके ऊपर नारियल रखा जाता है और पूरे विधि-विधान से पूजन किया जाता है।
मां शैलपुत्री की पूजा
सबसे पहले मां शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर को फूलों से सजाएं। उन्हें लाल कपड़ा अर्पित करें, क्योंकि यह रंग मां को प्रिय है। इसके बाद उन्हें रोली, अक्षत, पुष्प और फल अर्पित करें।
मंत्र जाप
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए “ओम शैलपुत्र्यै नमः” का जाप करें। इस दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से भोग अर्पित करने से विशेष लाभ होता है। इससे व्यक्ति को दीर्घायु और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
अखंड ज्योत
पहले दिन अखंड ज्योत जलाना भी शुभ माना जाता है, जो पूरे नौ दिन जलती रहती है। यह ज्योत माता की कृपा का प्रतीक होती है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
विशेष ध्यान
पहले नवरात्रि Shardiya Navratri के दिन व्रत रखकर और सादगीपूर्वक भोजन करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। इस दिन फल, दूध और फलाहार का सेवन किया जा सकता है। घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और मन में श्रद्धा भाव रखते हुए पूजा करें।
मां शैलपुत्री का महत्व
मां शैलपुत्री की पूजा से इंसान के जीवन में धैर्य, स्थिरता और मानसिक शांति आती है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति को विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सच्ची दिशा प्राप्त होती है।
Shardiya Navratri का पहला दिन और महत्व
पहले दिन की पूजा से न केवल मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं बल्कि यह पूरे नवरात्रि की पूजा का आधार भी होता है। इस दिन की पूजा का सही ढंग से पालन करने पर नौ दिन की पूजा सफल मानी जाती है।
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा पूरी विधि-विधान से करने पर उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है।