Surya Grahan 2024 : 2024 में खगोलीय घटनाओं में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण 02 अक्टूबर को होने जा रहा है। यह पूर्ण ग्रहण नहीं होगा, बल्कि इसे वलयाकार सूर्यग्रहण या रिंग ऑफ फायर कहा जाएगा, जहां कुछ स्थानों पर आसमान में आग का छल्ला नजर आएगा। यह ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष के समापन के दिन होगा, जो 18 सितंबर को चंद्रग्रहण से शुरू हुआ था।
Surya Grahan का समय
ज्योतिषी पं. अवनीश शर्मा के अनुसार, भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 09:13 बजे शुरू होगा और 03:17 बजे समाप्त होगा। 2024 में दो चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण हुए थे, जिसमें 02 अक्टूबर का ग्रहण अंतिम होगा। इसके बाद इस वर्ष कोई अन्य ग्रहण नहीं होगा।
रिंग ऑफ फायर क्या है? Surya Grahan
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं, तब सूर्यग्रहण होता है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, तो वह सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पड़ने देता। यदि चंद्रमा पृथ्वी के करीब है, तो वह सूर्य को पूरी तरह ढक देता है; जबकि जब वह दूर होता है, तो सूर्य के किनारे दिखते हैं, जिससे आग के छल्ले जैसा दृश्य उत्पन्न होता है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं। यह अद्वितीय दृश्य कुछ सेकंड से लेकर 12 सेकंड तक दिख सकता है।
क्या भारत में दिखाई देगा रिंग ऑफ फायर?
यह वलयाकार सूर्यग्रहण मुख्य रूप से प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका, अर्जेंटीना, फिजी और चिली जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
सूतक काल
ज्योतिषी पंडित संदीप पाराशर के अनुसार, सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले से लेकर इसके समाप्त होने तक सूतक काल होता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है और मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। चूंकि भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
यह जानकारी इस अद्भुत खगोलीय घटना को समझने में मदद करेगी और हमें इसके समय और महत्व को ध्यान में रखने के लिए प्रेरित करेगी।