Dr. S. Jaishankar : भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 23वीं SCO (शंघाई सहयोग संगठन) शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के इस्लामाबाद पहुंचे। यह बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आपसी संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।
डॉ. जयशंकर की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह 9 साल बाद पाकिस्तान जाने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं। यह यात्रा कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर तब, जब दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।
9 साल बाद पाकिस्तान दौरा
डॉ. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास है। यह यात्रा 9 साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा है, जो इस्लामाबाद में आयोजित SCO बैठक के कारण संभव हुई है। इससे पहले 2014 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं।
SCO बैठक का एजेंडा
SCO बैठक में सदस्य देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और क्षेत्रीय शांति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। डॉ. जयशंकर ने बैठक में भारत के हितों और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। यह बैठक न केवल सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने का मंच प्रदान करती है, बल्कि महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत का अवसर है।
भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर पड़ेगा असर
डॉ. जयशंकर की यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हो रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में कोई नरमी आती है या नहीं। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बैठक का उद्देश्य एससीओ के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना है और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की कोई संभावना नहीं है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब यह यात्रा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए हो रही है। एससीओ बैठक में भारत की भागीदारी से यह स्पष्ट है कि भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में अपनी भूमिका को गंभीरता से लेता है। हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों में कोई ठोस प्रगति होगी या नहीं, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।