Nawaz Sharif: पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखा है, जहां उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अब एक नई शुरुआत होनी चाहिए। नवाज शरीफ ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के रिश्ते फिर से बहाल होंगे और व्यापार, खेल, उद्योग जैसे क्षेत्रों में दोनों देश साथ काम करेंगे। उन्होंने एससीओ समिट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के दौरे को सकारात्मक कदम बताया और कहा कि आने वाले 75 साल बर्बाद नहीं होने चाहिए।
नवाज शरीफ की भारत से दोस्ती की पहल
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार, 17 अक्टूबर को भारतीय मीडिया से बातचीत के दौरान भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर अपनी राय व्यक्त की। शरीफ ने कहा कि पिछले 75 सालों के गिले-शिकवे अब भुला दिए जाने चाहिए, ताकि आने वाले साल दोनों देशों के लिए बेहतर हों। शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भूमिका की सराहना की और आशा जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होंगे।
Former Pak PM Nawaz Sharif met the Indian media contingent covering SCO:
EAM Jaishankar's visit to Pakistan is a start"l
Hope India and Pakistan can put the past behind and tackle future problems like energy, climate change…
Peace process should not get disrupted
Would have… pic.twitter.com/qmTFPrIFN9
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) October 17, 2024
शरीफ ने कहा, “गिले-शिकवे दोनों तरफ से हैं, लेकिन इससे अच्छा क्या हो सकता है कि हम दोस्ती करें और फिर से रिश्ते बनाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी हमेशा पड़ोसी ही रहते हैं और उन्हें अलग नहीं किया जा सकता। शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार, जलवायु परिवर्तन, खेल, और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया।
अतीत को पीछे छोड़ने की अपील
Nawaz Sharif ने अतीत में हुए विवादों को भुलाने और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम अतीत से बाहर निकलकर सकारात्मक कदम उठाएं और एक नई शुरुआत करें।” उनका यह बयान विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एससीओ समिट में पाकिस्तान दौरे के बाद आया है, जिसे शरीफ ने एक अच्छी पहल बताया।
Nawaz Sharif ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान दौरा और उनके साथ हुई मुलाकात आज भी उन्हें याद है। उन्होंने विशेष रूप से याद किया कि कैसे मोदी ने अपनी शपथग्रहण के दौरान उन्हें आमंत्रित किया था और बाद में लाहौर में उनके घर जाकर उनकी मां से मुलाकात की थी। शरीफ ने इसे एक “दयालु कदम” बताया और उम्मीद जताई कि ऐसे संबंधों को आगे बढ़ाया जा सकता है।
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क्रिकेट से कूटनीतिक रिश्ते
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर बात करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि दोनों देशों की क्रिकेट टीमों को एक-दूसरे के देश जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “क्रिकेट पर अतीत की गलतियों से सबक लेना चाहिए। भारत को चैंपियनशिप ट्रॉफी के लिए अपनी टीम भेजनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तानी टीम भारत दौरे पर जाती है और फाइनल में खेलती है, तो वह खुद भारत आकर इसे देखेंगे।
नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली पर भी बात की। जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान को अपना उच्चायुक्त भारत भेजना चाहिए, उन्होंने कहा, “यह नई शुरुआत है, और अगर बातचीत सकारात्मक रही, तो यह भी मुमकिन है।”
Nawaz Sharif की भविष्य की सोच
Nawaz Sharif ने आने वाले COP29 सम्मेलन का भी ज़िक्र किया, जहां उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस सम्मेलन में शामिल होते हैं, तो दोनों को आपस में मुलाकात करनी चाहिए। शरीफ के अनुसार, “यह अवसर है, जिसे गंवाना नहीं चाहिए।”
उनका संदेश स्पष्ट है—अतीत के गिले-शिकवे भुलाकर भारत और पाकिस्तान को एक नई दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, ताकि आने वाले 75 साल पहले की तरह बर्बाद न हों।