Ghazipur: जिले के 50 से कम छात्रों वाले 423 परिषदीय विद्यालय बंद होने के कगार पर हैं। लाखों रुपये के स्कूल चलो अभियान और कई अन्य योजनाओं के बावजूद इन विद्यालयों में छात्रों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पहले ही नोटिस भेजा था, लेकिन हालात नहीं सुधरे। अब राज्य परियोजना कार्यालय की सूची के आधार पर इन विद्यालयों को बंद कर पास के स्कूलों में विलय की तैयारी हो रही है। यह कदम Ghazipur जिले के करीब दो लाख 45 हजार छात्रों की शिक्षा को प्रभावित कर सकता है। शिक्षा के स्तर और सामाजिक प्रभाव पर इसका क्या असर होगा, यह बड़ा सवाल है।
423 स्कूलों पर लटकी तलवार
जुलाई में राज्य परियोजना कार्यालय ने ऐसे विद्यालयों की सूची मांगी थी, जिनमें 50 या उससे कम छात्र हैं। जिले के 16 विकासखंडों और एक नगर क्षेत्र के 423 विद्यालयों की पहचान हुई है। जमानिया ब्लॉक में सबसे ज्यादा 55 स्कूल और सादात में सबसे कम 5 स्कूल हैं। इन स्कूलों को बंद कर नजदीकी विद्यालयों में विलय की तैयारी की जा रही है।
विकासखंड | विद्यालय |
---|---|
जमानिया | 55 |
सादात | 5 |
देवकली | 42 |
मुहम्मदाबाद | 43 |
सैदपुर | 31 |
रेवतीपुर | 25 |
शिक्षा पर असर
इन विद्यालयों के बंद होने से छात्रों की शिक्षा में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। छात्रों को नजदीकी स्कूलों में भेजा जाएगा, लेकिन इससे पढ़ाई में रुकावट आ सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्कूल बंद होने से ड्रॉपआउट की संभावना बढ़ती है, जो भविष्य में बच्चों की शिक्षा पर गहरा असर डाल सकता है।
अध्यापकों पर भी संकट
Ghazipur के विद्यालय बंद होने से न सिर्फ छात्रों पर, बल्कि शिक्षकों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कई शिक्षकों को स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे उनकी नौकरी की अनिश्चितता और तनाव बढ़ेगा। रोजगार अस्थिर होने के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, कम वेतन या नई तैनाती की वजह से उनके पेशेवर विकास के अवसर सीमित हो सकते हैं।
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इस मुद्दे पर शासन का फैसला आने वाले दिनों में सामने आएगा, लेकिन इसका व्यापक प्रभाव शिक्षकों और छात्रों दोनों पर दिखने की संभावना है।