UP Encounter Guidelines: यूपी में एनकाउंटर पर जारी सियासत के बीच डीजीपी मुख्यालय ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसके बाद सियासी सवालों के बंद होने की उम्मीद जग गई है। एनकाउंटर पर यूं तो विपक्ष सवाल पहले से ही उठाता रहा है लेकिन सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद जिस कदर हंगामा समाजवादी पार्टी ने मचाया था उसके बाद पुलिस ज्यादा ही सतर्क हो चुकी है।
ताज़ा मामला बहराइच के आरोपियों का रहा। इस एनकाउंटर पर भी विपक्ष ने जमकर छाती पीटी थी। ऐसे में डीजीपी मुख्यालय ने कुछ जरूरी निर्देश जारी किए हैं जिसके बाद उम्मीद है कि इन सवालों पर विराम लग जाएगा। इसके बावजूद एनकाउंटर पर सियासत खत्म हो जाएगी ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योंकि जाति और धर्म की सियासत से ही तो कुछ लोगों की सियासी दुकान चलती है।
एनकाउंटर पर नई गाइडलाइन
यूपी में एनकाउंटर्स को लेकर पुलिस ने निर्देश जारी किए हैं। यूपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में अपराधी की मौत या घायल होने पर वीडियोग्राफी होगी। अपराधी के पोस्टमार्टम की भी वीडियो ग्राफी कराई जाएगी। दो डॉक्टरों की संयुक्त टीम पोस्टमार्टम करेगी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञ भी घटनास्थल की जांच करेंगे। एनकाउंटर की विवेचना घटनास्थल के थाने के बजाय दूसरे थाने या क्राइम ब्रांच करेगी। पुलिस कार्यवाही में शामिल अफसरों से सीनियर अधिकारी जांच टीम में शामिल किए जाएंगे। घटना में किसी की मौत होने पर परिजनों को तुरंत सूचना दी जाएगी।
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पुलिस कर्मियों के असलहों का होगा परीक्षण
एनकाउंटर में शामिल पुलिस कर्मियों के असलहों का भी परीक्षण कराया जाएगा। अपराधी के पास से बरामद असलहों की भी बैलेस्टिक जांच कराई जाएगी। परीक्षण रिपोर्ट को केस डायरी में भी दर्ज किया जाएगा। मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों से जुड़े मामलों की साक्ष्य के आधार पर जल्द निस्तारण किया जाएगा। मानवाधिकार आयोग के लंबित मामलों में एसीपी नोडल अफसर के रूप में अभिलेख पेश करेंगे।