GRAP-2: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद GRAP-2 लागू कर दिया गया है। एक्यूआई लेवल 300 से अधिक होने के कारण एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने यह आदेश जारी किया। इसके तहत, 22 अक्टूबर से डीजल जनरेटरों पर रोक, पार्किंग शुल्क में वृद्धि, और सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों व मेट्रो सेवाओं का विस्तार शामिल है। वहीं, नैचुरल गैस, बायोगैस और एलपीजी से चलने वाले जनरेटरों को छूट दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें सड़कों की नियमित सफाई, धूल रोकथाम, और खुले में कचरा जलाने पर पाबंदी भी शामिल हैं। सरकार ने लोगों से प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की है।
दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: GRAP-2 की पाबंदियां लागू
दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के आगमन के साथ ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने GRAP-2 लागू किया। GRAP-2 के तहत 22 अक्टूबर से डीजल जनरेटरों के संचालन पर रोक लगा दी गई है, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। केवल नैचुरल गैस, बायोगैस और एलपीजी से चलने वाले जनरेटरों को अनुमति दी गई है। इसके अलावा, 800 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले जनरेटर तभी चलाए जा सकेंगे जब उनमें रेट्रोफिटिंग की जाएगी।
सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए और भी कड़े कदम उठाए हैं। प्राइवेट वाहनों की संख्या कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क में वृद्धि की गई है। साथ ही, मेट्रो और सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में इजाफा किया जाएगा ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल कर सकें।
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सड़कों पर धूल और प्रदूषण कम करने के लिए मैकेनिकल स्वीपिंग और पानी के छिड़काव की प्रक्रिया तेज की जाएगी। हॉटस्पॉट इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को सुरक्षा गार्डों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान भी शुरू किया गया है, जिसके तहत लोगों से ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी का इंजन बंद करने की अपील की गई है।