Jhansi Hospital Fire : यूपी के झांसी में लगी आग ने 12 बच्चों की जान ले ली और पूरे देश को हिलाकर रख दिया। अब इसमें सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। झांसी के अस्पताल में लगी आग के मामले में अब एक बड़ी चूक सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग को बुझाने के लिए जिस मल्टीपर्पज फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल किया जा रहा था, उसका इस्तेमाल आईसीयू वार्ड में नहीं किया जाना चाहिए था।
जानकारी के मुताबिक, आईसीयू या एनआईसीयू वार्ड में सिर्फ सीओ2 आधारित फायर एक्सटिंग्विशर का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। शॉर्ट-सर्किट की वजह से एसएनसीयू वार्ड के जिस स्विच बोर्ड में आग लगी थी, उसे सिर्फ सीओ2 आधारित फायर एक्सटिंग्विशर से ही बुझाया जा सकता है।
क्या कहता है अस्पताल प्रबंधन?
आपको बता दें कि इस दिल दहला देने वाली आग की घटना में अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन 12 मासूम बच्चों की मौत से इनकार कर रहा है। अस्पताल प्रबंधन आग में 10 बच्चों की मौत की बात तो स्वीकार कर रहा है, लेकिन बाद में 2 बच्चों की मौत की अलग वजह बता रहा है।
6 नर्स, 2 महिला डॉक्टर थीं मौजूद
जानकारी के अनुसार, घटना के समय एनआईसीयू वार्ड में 6 नर्स, अन्य स्टाफ और 2 महिला डॉक्टर मौजूद थीं। स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली, जिससे आग लग गई। स्विच बोर्ड में लगी आग वार्ड में लगी मशीनों पर लगे प्लास्टिक कवर तक पहुंच गई और प्लास्टिक कवर से आग टपकने लगी, जिसके बाद यह तेजी से वार्ड में फैल गई।
एनआईसीयू वार्ड में ली थी आग
डीजीएमई की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की विस्तृत रिपोर्ट से पता चलेगा कि शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ? क्या वार्ड में लगी मशीनें ओवरलोड थीं। किस वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ? झांसी कमिश्नर और डीआईजी समिति ने घटना के समय मौजूद अस्पताल स्टाफ से बात करने के बाद रिपोर्ट तैयार की है। बताया गया है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है।
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डॉक्टरों ने जांच समिति को बताया कि नवजात शिशुओं की वजह से एनआईसीयू वार्ड में वाटर स्प्रिंकलर नहीं लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, स्विचबोर्ड में चिंगारी की वजह से आग लगी। एक नर्स ने खुद ही इसे ठीक करने की कोशिश की। इस प्रयास में वह घायल भी हो गई। इस दौरान आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ओर बढ़ने लगी, जिसके बाद नर्स चीखती हुई बाहर आई।