UP sugar mills: गन्ना किसानों के लिए राहत भरी खबर है। उत्तर प्रदेश में 2024-25 के गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी है। गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने बताया कि प्रदेश की 102 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, जिसमें से 90 चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू हो गया है। इनमें निगम क्षेत्र की 1, सहकारी क्षेत्र की 10 और निजी क्षेत्र की 79 चीनी मिलें शामिल हैं। साथ ही, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भी तेजी दिखाई जा रही है। 39 चीनी मिलों ने मौजूदा सत्र के देय गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है, जबकि अन्य मिलें जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेंगी।
पेराई कार्य में आई तेजी
गन्ना एवं चीनी आयुक्त के अनुसार, सहारनपुर परिक्षेत्र की 19 में से 18, मेरठ परिक्षेत्र की 16 में से सभी, बरेली परिक्षेत्र की 17 में से 11 और मुरादाबाद परिक्षेत्र की 23 में से 22 चीनी मिलों ने पेराई कार्य शुरू कर दिया है। लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन और देवरिया परिक्षेत्रों में भी चीनी मिलों ने उत्पादन कार्य शुरू कर दिया है। शेष 12 चीनी मिलों ने पेराई शुरू करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और अगले दो से तीन दिनों में उनका संचालन भी शुरू हो जाएगा।
गन्ना किसानों के बकाया (UP sugar mills) भुगतान को लेकर भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। चीनी आयुक्त ने चीनी मिलों को गन्ना मूल्य का नियमानुसार भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। 39 चीनी मिलों ने वर्तमान सत्र के तहत गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी।
केज-फ्री पोल्ट्री केंद्र पर हस्ताक्षर
गन्ना सत्र की शुरुआत के साथ ही प्रदेश में एक और (UP sugar mills) बड़ी पहल की गई है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएआरआई) और पीपल फॉर एनिमल्स पब्लिक पॉलिसी फाउंडेशन (पीएफए पीपीएफ) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत उत्तर प्रदेश में भारत का पहला मॉडल केज-फ्री अंडा उत्पादन और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा।
इस पहल का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक और मानवीय मुर्गी पालन पद्धतियों से जोड़ना है, जो बैटरी केज प्रणाली का बेहतर विकल्प है। मुख्य सचिव ने इसे पशु कल्याण और किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
वैश्विक बाजारों तक पहुंचेगा यूपी
पीएफए पीपीएफ की ट्रस्टी गौरी मौलेखी ने कहा (UP sugar mills) कि इस केंद्र से किसानों को केज-फ्री अंडा उत्पादन की सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत कराया जाएगा। इससे वे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बना सकेंगे।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव दुग्ध विकास के. रवींद्र नायक, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। यह पहल उत्तर प्रदेश को आधुनिक पोल्ट्री प्रथाओं और गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाओं की ओर अग्रसर कर रही है।